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Zomato-Swiggy की प्राइवेट लेबलिंग पर NRAI चिंतित, ONDC संग साझेदारी बढ़ाने पर जोर

रेस्तरां संगठन ने कमीशन दरों को लेकर जताई आपत्ति, फूड डिलिवरी में तीसरे विकल्प की जरूरत पर दिया बल

Published by
उदिशा श्रीवास्तव   
अक्षरा श्रीवास्तव   
Last Updated- January 22, 2025 | 9:30 PM IST

नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलिवरी मंच द्वारा अपने ब्रांड के नाम से खाने-पीने का सामान बेचने (प्राइवेट लेबलिंग) पर चिंता जताई है और कहा है कि फूड डिलिवरी के क्षेत्र में तीसरे विकल्प की जरूरत है। सरकार द्वारा समर्थित ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) और ओला तथा मैजिकपिन जैसे दूसरे फूड डिलिवरी मंचों की नियमित तिमाही बैठक मंगलवार को हुई जिसमें एनआरएआई ने ओएनडीसी के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया।

एनआरएआई के अध्यक्ष और क्विक सर्विस रेस्तरां चेन वाऊ! मोमो के संस्थापक सागर दरयानी ने कहा, ‘बेंगलूरु में हम ओएनडीसी के जरिये 20 फीसदी ऑर्डर पाने में सफल रहे हैं और हम देश के अन्य हिस्से में भी इस तरह की सफलता हासिल कर सकते हैं।’

इस क्षेत्र के परंपरागत खिलाड़ी ज्यादा कमीशन वसूल रहे हैं यही वजह है कि एनआरएआई ने ओएनडीसी के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। इस उद्योग से जुड़े सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जोमैटो और स्विगी द्वारा 15-30 फीसदी के बीच कमीशन वसूला जाता है जबकि ओएनडीसी के कमीशन का दायरा 5-7 फीसदी है।

इस महीने की शुरुआत में एनआरएआई ने जोमैटो और स्विगी पर यह आरोप लगाया कि ये कंपनियां उपभोक्ताओं के डेटा छिपाने, प्राइवेट लेबलिंग में शामिल होने, रेस्तरां साझेदार का भरोसा तोड़ने और बाजार में अपनी पोजिशन का दुरुपयोग करने में लगी हैं।

रेस्टोरेंट संगठन ने भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग से संपर्क करने की योजना भी बनाई है ताकि इन फूड एग्रीगेटर के खिलाफ कानूनी कदम उठाया जा सके। एनआरएआई के उपाध्यक्ष और मैसिव रेस्ट्रॉ के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जोरावर कालरा ने कहा, ‘हमारी ओएनडीसी के साथ अच्छी बैठक हुई है।

 

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First Published : January 21, 2025 | 10:28 PM IST