अब सर्वोच्च न्यायालय में होगी सुनवाई

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:42 AM IST

फ्यूचर रिटेल के लेनदारों की तरफ से कर्ज पुनर्गठन योजना को मंजूरी देने के एक दिन बाद सर्वोच्च न्यायालय ने एमेजॉन बनाम फ्यूचर मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित सभी कार्यवाही पर आज स्थगानदेश जारी कर दिया। कर्ज पुनर्गठन के जरिये लेनदारों ने पुनर्भुगतान की अवधि दो साल तक बढ़ा दी है।
इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में 4 मई को सुनवाई होगी, तब तक दोनों पक्षकारों से अपनी दलील पूरी करने को कहा गया है। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, बीआर गवई और हृषीकेश रॉय के पीठ ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल पीठ और खंडपीठ के सामने चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। अब इस मामले पर 4 मई को सुनवाई होगी। तब तक दलील पूरी हो जानी चाहिए।
पीठ ने यह आदेश एमेजॉन की तरफ से दाखिल विशेष अनुमति याचिका पर पारित किया। ई-कॉमर्स दिग्गज ने पिछले हफ्ते सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ की तरफ से 22 मार्च को जारी आदेश को चुनौती दी थी। खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के निर्देश पर रोक लगा दी थी, जिसने सिंगापुर के ट्रिब्यूनल की तरफ से अक्टूबर में पारित आदेश को सही ठहराया था और इससे पिछले साल हस्ताक्षरित रिलायंस फ्यूचर सौदे पर रोक लग गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील एच पी रनीना ने कहा, दोनों तरफ अब यथास्थिति होगी। दोनों पक्षकार (एमेजॉन व फ्यूचर) दिल्ली उच्च न्यायालय में अब कानूनी संघर्ष नहीं कर पाएंगी क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया है और कहा है कि वह इस मामले को सुनेगा। अब दोनों पक्षकारों को अब अपनी दलील समय पर पूरी करनी होगी ताकि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में अंतिम फैसला मई के दूसरे हफ्ते में छुट्टियां शुरू होने से पहले दे सके।
सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगनादेश इसलिए जारी किया है क्योंकि रिलायंस ने फ्यूचर के साथ सौदा पूरा करने की अवधि छह महीने बढ़ा दी है ताकि फ्यूचर को राहत मिल सके, जिसके कर्ज ने उसे अपनी खुदरा, लॉजिस्टिक्स और थोक परिसंपत्तियां पिछले साल अगस्त में 25,000 करोड़ रुपये में बेचने को बाध्य कर दिया था।
एमेजॉन ने इसे अदालत मेंं चुनौती दी थी और कहा था कि रिलायंस के साथ फ्यूचर का सौदा ई-कॉमर्स दिग्गज व फ्यूचर के बीच आपसी करार का उल्लंघन है।
एमेजॉन ने पिछले साल फ्यूचर की असूचीबद्ध फर्म की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी, जिसके साथ सूचीबद्ध मूल कंपनी फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी कुछ वर्षो में खरीदने का अधिकार भी था। लेकिन फ्यूचर समूह नकदी संकट में फंस गया, जब पिछले साल मार्च में कोरोना के प्रसार पर लगाम कसने के लिए देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था।
यह सौदा (जो 31 मार्च, 2021 को पूरा होना था) तब से रुका हुआ है और फ्यूचर समूह को अपनी योजना फिर से तैयार करने को बाध्य कर रहा है। फ्यूचर समूह ने इस महीने बिग बाजार के स्टोर में डिस्काउंट सेल शुरू की और प्रमुख शहरों में दो घंटे में डिलिवरी का वादा भी किया है।

First Published : April 19, 2021 | 11:44 PM IST