टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस अपने निदेशक मंडल में टाटा ट्रस्ट्स के नॉमिनी के लिए आयु सीमा हटा सकती है। अभी तक ट्रस्ट्स के नॉमिनी को टाटा संस के बोर्ड से 70 साल की आयु में रिटायर होना होता था, हालांकि स्वतंत्र निदेशक की तरह इस पद के लिए कभी भी कार्यकाल तय नहींं किया गया।
हालिया बदलाव का मतलब यह होगा कि टाटा संस के बोर्ड में तब तक ये नामांकित निदेशक स्थायी तौर पर बने रहेंगे जब तक कि उन्हें टाटा ट्रस्ट्स वापस नहीं बुला लेता। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कोई ट्रस्टी या नॉमिनी टाटा समूह की किसी अन्य कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल नहीं हो सकता।
इस बारे मेंं जानकारी के लिए टाटा संस को भेजे गए ईमेल का जवाब नहींं मिला।
अभी टीवीएस समूह के वेणु श्रीनिवासन टाटा संस के बोर्ड में टाटा ट्रस्ट्स का प्रतिनिधित्व करते हैं। रिटायरमेंट की आयु सीमा खत्म होने के बाद भूतपूर्व सरकारी अधिकारी और टाटा ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन विजय सिंह टाटा संस के निदेशक मंडल में शामिल हो सकते हैं। इस तरह से विजय सिंह का टाटा संस के निदेशक मंडल में दूसरा मौका होगा जो साल 2018 में 70 साल की आयु पूरी करने के बाद रिटायर हो गए थे। आयु सीमा हटाए जाने के बाद श्रीनिवासन भी टाटा संस के बोर्ड में दिसंबर के बाद भी बने रह सकते हैं जब वह 70 साल के हो जाएंगे।
टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 66 फीसदी है और वह होल्डिंग कंपनी के बोर्ड में एक तिहाई ट्रस्टियों को नामांकित कर सकता है। निजी क्षेत्र की असूचीबद्ध कंपनी टाटा संस के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन से यह जानकारी मिली।
एक अन्य घटनाक्रम के तहत नोएल टाटा को पिछले हफ्ते सर दोराबजी टाटा ऐंड अलायड ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया। इससे पहले उन्हें साल 2019 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में ट्रस्टी के तौर पर नियुक्त किया गया था। चूंकि नोएल टाटा ट्रस्ट्स के दो मुख्य बोर्ड में शामिल हुए, लिहाजा वह भविष्य में अहम भूमिका निबा सकते हैं। यह जानकारी आंतरिक सूत्रों से मिली।
साल 2011 में टाटा संस ने गैर-कार्यकारी निदेशकों की आयुसीमा 75 साल से 70 साल कर दी थी। इसका क्रियान्वयन चयन समिति की सिफारिश पर हुआ, जिसे साल 2012 में रतन टाटा के रिटायर होने के बाद उनका उत्तराधिकारी चुनने का काम सौंपा गया था।
साइरस मिस्त्री को साल 2012 में टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया। मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के बोर्ड से हटा दिया गया। टाटा संस के खिलाफ मिस्त्री ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी, लेकिन पिछले साल कानूनी लड़ाई हार गए।