जियोफोन नेक्स्ट भले ही स्मार्टफोन बाजार में अवरोध पैदा न कर पाए, लेकिन यह रिलायंस जियो को प्रति ग्राहक राजस्व (एआरपीयू) में सुधार लाने में मदद करेगा। यह कहना है विश्लेषकोंं का। 6,499 रुपये वाले स्मार्टफोन की बुकिंग शुक्रवार शाम से शुरू हुई। ग्राहकों के पास 4जी सक्षम फोन 1,999 रुपये के शुरुआती भुगतान और 18-24 महीने की 300-600 रुपये की ईएमआई पर लेने का विकल्प भी है।
फिच रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक नितिन सोनी ने कहा, हमारा मानना है कि जियोफोन नेक्स्ट कंपनी को डेटा की रफ्तार में मजबूती लाने में मदद करेगा और इस वजह से एआरपीयू मेंं सुधार होगा और लाभ भी बढ़ेगा। यह 4जी सेवाएं अपनाने की गति भी तेज करेगा और जियो के ग्राहकों की संख्या में भी इजाफा करने में मदद करेगा।
दूरसंचार क्षेत्र के एक अन्य विश्लेषक ने कहा कि जियो वॉल्यूम के बजाय वैल्यू पर ध्यान दे रही है। यह जियो की रणनीति में बदलाव का संकेत दे रहा है। कंपनी ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हैंडसेट की कीमत पर छूट नहीं दी है और एआरपीयू में सुधार के लिहाज से कंपनी ग्राहकों को 300-600 रुपये की ईएमआई उसे देने की कोशिश कर रही है।
वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में कंपनी का एआरपीयू 143.6 रुपये रहा। पहली तिमाही मेमं यह 138.4 रुपये था, लेकिन भारती एयरटेल के 146 रुपये के एआरपीयू के मुकाबले कम था।
जियोफोन नेक्स्ट 30 करोड़ से ज्यादा 2जी ग्राहकों को अपने साथ जोडऩे की रिलायंस की रणनीति का हिस्सा है। गूगल के साथ मिलकर विकसित फोन 10 सितंबर को पेश किया जाना था लेकिन उसे टाल दिया गया क्योंंकि चिप की किल्लत से उत्पादन पर असर पड़ा। चिप की कीमतों में बढ़ोतरी भी हर ब्रांड के स्मार्टफोन की कीमत में इजाफा कर रहा है।
एमके ग्लोबल फाइनैशियल सर्विसेज के नवल सेठ और सोनाली शाह ने एक रिपोर्ट में कहा है, जियोफोन नेक्स्ट की मौजूदा कीमतें आपूर्ति की चुनौतियों के कारण भी भी हो सकती है।