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एमेजॉन इंडिया की मार्केटप्लेस इकाई का नेट प्रॉफिट घटा

एमेजॉन सेलर सर्विसेज अपना ज्यादातर राजस्व थर्ड-पार्टी विक्रेता सेवाओं, सदस्यता सेवाओं (एमेजॉन प्राइम सहित) और मार्केटप्लेस से जुड़ी सेवाओं से हासिल करती है।

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पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- November 11, 2024 | 10:03 PM IST

ई-कॉमर्स फर्म के भारतीय मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म एमेजॉन सेलर सर्विसेज ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में परिचालन राजस्व में 14 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया और यह 25,406 करोड़ रुपये रहा।

बिजनेस इंटेलीजेंस फर्म टॉफलर के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष के दौरान कंपनी ने अपना शुद्ध नुकसान भी 28 प्रतिशत तक घटाकर 3,469 करोड़ रुपये कर लिया। वित्त वर्ष के लिए कंपनी का कुल खर्च 29,062 करोड़ रुपये रहा। अन्य प्रमुख लागत में 3,140.6 करोड़ रुपये का मूल्यह्रास और अन्य खर्च शामिल है। इसमें 3,586 करोड़ रुपये का विज्ञापन और बिक्री प्रोत्साहन खर्च और 7,488 करोड़ रुपये का परिवहन एवं वितरण खर्च शामिल है।

एमेजॉन सेलर सर्विसेज अपना ज्यादातर राजस्व थर्ड-पार्टी विक्रेता सेवाओं, सदस्यता सेवाओं (एमेजॉन प्राइम सहित) और मार्केटप्लेस से जुड़ी सेवाओं से हासिल करती है।

कंपनी संबंधित पक्षों को मार्केटिंग सहायता सेवाएं मुहैया करती है। उसे रॉयल्टी राजस्व भी मिलता है। कंपनी की प्रतिस्पर्धी फ्लिपकार्ट इंटरनेट का राजस्व सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2024 में 17,907.3 करोड़ रुपये रहा।

टॉफलर के अनुसार फ्लिपकार्ट इंटरनेट का नुकसान 41 प्रतिशत घटकर 2,358 करोड़ रुपये रह गया। एमेजॉन को क्विक कॉमर्स कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

First Published : November 11, 2024 | 10:02 PM IST