नेस्ले इंडिया ने पिछले साल रेलवे, जलमार्ग आदि परिवहन के वैकल्पिक माध्यमों पर ध्यान केंद्रित किया। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि मूल्य शृंखला के बीच निर्बाध लॉजिस्टिक सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया। इसके अलावा कंपनी ने अपनी वाहन दर (दर के बजाय उपयोगिता कह सकते हैं) को भी युक्तिसंगत किया।
नेस्ले ने साल 2021 के दौरान 9.8 फीसदी बड़े वाहनों का उपयोग किया जबकि 2019 मेंं यह आंकड़ा 5.9 फीसदी था। साल के दौरान कंपनी ने रेलवे का उपयोग भी शुरू किया जबकि 2019 में रेलवे का उपयोग नहीं किया जाता था। साल 2021 के दौरान कंपनी ने चार जलमार्ग भी शुरू किए।
साल 2021 में तैयार माल हैंडलिंग, परिवहन एवं वितरण श्रेणी के तहत कंपनी की लागत 19.6 फीसदी बढ़कर 694.35 करोड़ रुपये हो गई। स्विटजरलैंड की इस उपभोक्ता कंपनी ने बाजार में अपनी रफ्तार बढ़ाने के लिए सह-विनिर्माण रणनीति पर भी अमल किया और वैश्विक महामारी के कारण लघु अवधि के व्यवधान से निपटने के लिए कागज रहित इनवॉइसिंग प्लेटफॉर्म को रफ्तार दी।
नेस्ले ने लघु अवधि की योजना पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। इसके तहत प्राथमिकता वाली स्टॉक-कीपिंग इकाइयों और चैनलवार योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को बताया है कि स्टॉक बढ़ाने और ट्रांजिट के लिए परिवहन नियंत्रण टावर को बेहतर किया गया। नेस्ले इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि साल 2021 के दौरान जिंस कीमतों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई और कई वस्तुओं की कीमतें अपनी सर्वकालिक ऊंचाई तक पहुंच गईं।
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है, ‘साल 2021 की दूसरी छमाही के दौरान वैश्विक ऊर्जा कीमतें, खासकर प्राकृतिक गैस एवं कोयले के दाम काफी बढ़ गए थे और इसकी मुख्य वजह मांग में सुधार लेकिन आपूर्ति में किल्लत रही। गैर-ऊर्जा वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता दिखी। आपूर्ति शृंखला में लगातार हो रहे व्यवधान एवं माल भाड़े में वृद्धि, वैश्विक उत्पादन एवं व्यापार के प्रभावित होने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी के कारण 2021 में वैश्विक मुद्रास्फीति बढ़कर 5.2 फीसदी हो गई।’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2021 में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वनस्पति तेल, अनाज एवं डेयरी उत्पाद की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के साथ खाद्य कीमतें पिछले एक दशक के उच्चतम स्तर तक पहुंच गईं। कंपनी ने यह भी कहा कि खाद्य तेल, कॉफी एवं गेहूं जैसी प्रमुख श्रेणियों के लिए मूल्य परिदृश्य में भी तेजी बरकरार है। इसके अलावा आपूर्ति में व्यवधान, परिवहन एवं ईंधन कीमतों में तेजी के बीच पैकेजिंग सामग्री की लागत में वृद्धि जारी है।
कंपनी ने वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए अपना अनुमान जारी करते हुए कहा है, ‘निकट भविष्य में वैश्विक आर्थिक सुधार की रफ्तार सुस्त रहने की आशंका है क्योंकि वैश्विक महामारी की बार-बार आने वाली लहरों से आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं। इसके अलावा आपूर्ति में लगातार हो रहे व्यवधान, मुद्रास्फीति के दबाव, वित्तीय दबाव और जलवायु संबंधी मुद्दों के कारण सुधार के लिए जोखिम बरकरार है।’
