राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) ने एडटेक फर्म बैजूस से कहा है कि राइट्स इशअयू से जुटाए गए धन तक उसकी पहुंच हो या न हो, वह अपने कर्मचारियों का वेतन को भुगतान करे। उसने कर्मचारियों को वेतन का नहीं देने पर कंपनी को ऑडिट की भी चेतावनी दी है।
सूत्रों ने बताया कि वेतन भुगतान को लेकर कर्मचारियों ने बीते महीने याचिका दाखिल की थी। इसकी सुनवाई के दौरान गुरुवार को एनसीएलटी ने मौखिक टिप्पणी की। मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा, ‘एनसीएलटी ने टिप्पणी की कि बैजूस एक कंपनी के तौर पर काम कर रही है और उसके पास राजस्व होना चाहिए।
अधिकरण ने चेतावनी दी कि अगर कंपनी कर्मचारियों को वेतन देने में विफल रहती तो भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट (आईसीAI) से ऑडिट कराया जा सकता है।’ एनसीएलटी ने कंपनी को कर्मचारियों के आवेदन पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। अधिकरण अगले सप्ताह इस मामले की सुनवाई करेगा। हालांकि बैजूस ने अपने कर्मचारियों को अप्रैल और मई महीने का वेतन दिया है लेकिन कंपनी को अभी फरवरी और मार्च के पूरे वेतन का भुगतान करना है।
इससे पहले बैजूस ने कहा था कि वेतन भुगतान में देरी राइट्स निर्गम के जरिये जुटाई गई धनराशि में गतिरोध के कारण हुई है, जिसे निवेशकों के साथ जारी विवाद की वजह से एक अलग खाते में रख दिया गया है। बैजू रवींद्रन सहित कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि अदालत का आदेश कुछ भीआए, वे कर्मचारियों का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए साथ ही साथ ऋण लेने की संभावना भी टटोल रहे हैं।
नकदी किल्लत का सामना कर रही बैजूस और उसके निवेशकों के बीच कंपनी के 20 करोड़ डॉलर के राइट्स निर्गम के मसले पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) में विवाद चल रहा है। कंपनी के चारों निवेशक- प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक 15 (पहले सिकोया) ने बैजूस के 22 अरब डॉलर के मूल्यांकन की तुलना में 99 फीसदी से कम मूल्यांकन पर लाए जा रहे राइट्स निर्गम पर रोक लगाने की मांग की थी।
बैजूस के 2 हजार से अधिक पूर्व कर्मचारी भी अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट हो गए हैं। उनमें से अधिकतर कर्मचारी अपने बकाया राशि के भुगतान के लिए कंपनी को एनसीएलटी के बेंगलूरु पीठ ले जाने की प्रक्रिया में हैं। कम से कम सात वेंडरों ने भी बकाया रकम वसूलने के लिए एनसीएलटी में बैजूस के खिलाफ मुकदमा किया है।
कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने हाल में बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इसमें लाड ने भी पुराने कर्मचारियों का वेतन भुगतान करने के लिए कहा था। बैजूस में फिलहाल 13 हजार कर्मचारी हैं जो साल 2023 के अंत में करीब 15 हजार थे। सूत्रों के मुताबिक कंपनी का वेतन मद में 40 से 50 करोड़ रुपये के बीच खर्च होता है।