नवीन जिंदल समूह का एल्युमीनियम पर जोर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:25 PM IST

नवीन जिंदल समूह एल्युमीनियम क्षेत्र में अवसर तलाश रहा है, लेकिन उसकी योजनाएं तीन बड़ी कंपनियों के दबदबे वाले इस व्यवसाय में बॉक्साइट खदान हासिल करने पर निर्भर करेंगी।
समूह बॉक्साइट से लेकर एल्युमिना और एल्युमीनियम खंड की समेकित एवं मजबूत कंपनी बनना चाहता है। एक अ​धिकारी ने नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध के साथ कहा, ‘बॉक्साइट एक महत्वपूर्ण स्रोत है। कच्चे माल पर नियंत्रण के बगैर कोई बड़ा संयंत्र लगाना संभव नहीं है।’
भूमि और बिजली एल्युमीनियम परियोजना स्थापित करने के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन बॉक्साइट से समूह की निर्णय प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। ओडिशा में तीन बॉक्साइट ब्लॉकों की इस साल नीलामी होगी और समूह द्वारा खदान के आकार के आधार पर बोली लगाए जाने की संभावना है।
जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने पिछले साल ओडिशा में कार्लापट बॉक्साइट खदान के लिए आवेदन किया था, लेकिन निविदा ​संबं​धित विवाद की वजह से उसे कानूनी समस्याओं से जूझना पड़ा था। एल्युमीनियम के लिए योजनाएं जेएसपीएल के मार्गदर्शन के अधीन होना जरूरी नहीं हो सकती हैं। अ​धिकारी ने संकेत दिया, ‘यह अभी भी आरं​भिक चरण में है।’
समूह एल्युमीनियम खंड पर ध्यान केंद्रित करना चाहेगा, क्योंकि देश में ऊर्जा पारेषण में तेजी आने, इले​क्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ने और हल्की धातुओं की महत्ता बढ़ने से एल्युमीनियम की भी खपत बढ़ेगी।
अ​धिकारी ने कहा कि यूरोप और चीन में उत्पादन कटौती की वजह से एल्युमीनियम में वै​श्विक कमी हुई है। भारत में, एल्युमीनियम की बॉडी वाली वंदे भारत ट्रेन से इस धातु की मांग बढ़ने की संभावना है।
समूह की योजना निजी खदानों पर निर्भर है और यह आसान काम नहीं है। एल्युमीनियम क्षेत्र पर तीन बड़ी कंपनियों – वेदांत, हिंडाल्को और नाल्को का दबदबा है। हिंडाल्को और नाल्को पूरी तरह बॉक्साइट-एल्युमिना से एल्युमीनियम समेकित हैं। वेदांत अपनी ज्यादातर बॉक्साइट जरूरत के लिए ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) पर निर्भर करती है और 2013 में नियमागिरि हिल्स में खनन योजना ठंडे बस्ते में पड़ने के बाद अपनी 20 लाख टन क्षमता वाली लांजीगढ़ एल्युमिना रिफाइनरी की जरूरत पूरी करने के लिए कुछ आयात करती है।
एल्यु​मीनियम उत्पादन में बड़ा योगदान देने वाले ओडिशा में कई अच्छी गुणवत्ता वाली खदानें मौजूद हैं। वर्ष 2020-21 में, भारत ने 2.0379 करोड़ टन बॉक्साइट का उत्पादन किया। ओडिशा 76 प्रतिशत के साथ प्रमुख उत्पादक रहा, जिसके बाद गुजरात (7.3 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (3.5 प्रतिशत), झारखंड (7.3 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (3.1 प्रतिशत), और महाराष्ट्र (2.3 प्रतिशत) का स्थान रहा।
अ​धिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ या मध्य प्रदेश में बॉक्साइट गुएना, ऑस्ट्रेलिया या ओडिशा जैसी समान गुणवत्ता का नहीं था।

 

First Published : August 22, 2022 | 10:23 PM IST