कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील और लोगों के काम पर लौटने के साथ ही दवा कंपनियां काउंटर पर बिकने वाली दवा (ओटीसी) और पर्ची वाली दवा यानी दोनों श्रेणियों में जीवाणु मारने वाले नेजल स्प्रे के लिए अवसर देख रही हैं। ग्लेनमार्क जैसी बड़ी दवा कंपनियों ने नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे जैसे उत्पाद उतारे हैं। जबकि स्ट्रेसेनबर्ग जैसी अन्य छोटी कंपनियों ने भी आयुर्वेदिक नेजल स्प्रे और माउथ स्प्रे जैसे उत्पादों को लॉन्च किया है।
ग्लेनमार्क ने बुधवार को फैबिस्प्रे ब्रांड नाम के साथ नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे (एनओएनएस) को लॉन्च किया। कंपनी ने इसे कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए उतारा है। एनओएनएस को इस तरीके से डिजाइन किया गया है ताकि वह ऊपरी हवा तरंगों में कोरोनावायरस को मारने में समर्थ है और इस प्रकार वह कोरोनावायरस को फेफड़े तक पहुंचने से रोकता है। भारत में तीसरे चरण के परीक्षण के दौरान इस नेजल स्प्रे ने 24 घंटों में वायरल लोड को 94 फीसदी और 48 घंटों में 99 फीसदी तक कम करने की क्षमता प्रदर्शित की। एनओएनएस को कनाडा की दवा कंपनी सैनोटाइज ने विकसित किया है।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख (क्लीनिकल डेवलपमेंट) मोनिका टंडन ने कहा, ‘अमेरिका के उटाह स्टेट यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन के अनुसार, एनओएनएस अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और एप्सिल्सन वेरिएंट्स सहित सार्स-सीओवी-2 वायरस को महज दो मिनट में मारने में समर्थ है।’ उनका मानना है कि कोरोनावायरस के नए वेरिएंट्स के उभरने के साथ ही फैबिस्प्रे के लिए काफी अवसर दिख रहे हैं।
सिप्ला जैसी अन्य कंपनियों ने भी आयोडीन प्रोविडोन पर आधारित नेजल स्प्रे को बाजार में उतारा है। इसमें वारसरोधी, बैक्टीरियारोधी और फंगसरोधी गुण हैं जो सर्दी, जुकाम, बुखार आदि सांस से होने वाले संक्रमण को रोकता है। आईटीसी भारत में नेजल स्प्रे उतारने के लिए फिलहाल क्लीनिकल परीक्षण कर रही है।
