टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने इस साल की शुरुआत में जब नैनो का स्टेयरिंग थामा था, तो कइयों ने कहा था कि दोपहिया बाजार को तगड़ा धक्का लगने जा रहा है।
नैनो के सड़क पर उतरने का वक्त अब करीब आ रहा है और इसी के साथ वाहन बाजार की परेशानी पर भी बल पड़ते जा रहे हैं। हालांकि कंपनियां कह रही हैं कि अक्टूबर में नैनो के भारतीय सड़कों पर उतरने का उनकी बिक्री पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन डीलरों और विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो बाजार की रफ्तार पर जोरदार ब्रेक लगाएगी।
डीलर परेशान
नई दिल्ली में हीरो होंडा, बजाज या टीवीएस जैसी बाइक बेचने वाले अधिकृत डीलरों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि पहले से ही मंद पड़ी बिक्री को बढ़ाने के लिए वे ग्राहकों को छूट या तोहफों जैसी पेशकश के जरिये रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर सवा लाख रुपये की नैनो आ जाती है, तो उनके कारोबार की बची खुची रौनक भी खत्म हो जाएगी।
इंतजार बरकरार
डीलरों की बात गलत भी नहीं है क्योंकि आम जनता वाकई टकटकी लगाकर नैनो की राह तक रही है। मुंबई में व्यवसायी सुजीत पराशर का कहना है, ‘नैनो का इंतजार मैं बेसब्री से कर रहा हूं। अगर एक या सवा लाख रुपये में कार खरीदी जा सकती है, तो इससे बढ़िया बात और क्या हो सकती है।’
नैनो की बुकिंग भी अगले महीने से शुरू हो रही है। दोपहिया बाजार पर इसका असर तो बुकिंग शुरू होने के बाद ही पता चल सकेगा, लेकिन वाहन उद्योग के पंडित मानते हैं कि प्रीमियम वर्ग की बाइक पर तो नैनो हर हाल में मार करेगी।
मुंबई में ट्रैवल एजेंसी के मालिक सुरेश पाटकर भी नैनो का इंतजार कर रहे हैं। पहले वह बुलेट या बजाज की पल्सर खरीरदने वाले थे, लेकिन नैनो की खबर सुनकर वह रुक गए हैं। उनका कहना है कि बैंकों से वाहन ऋण की ब्याज दर बढ़ने के बाद बाइक की कीमत 80,000 रुपये तक पहुंच जाती है। बजाज की 220 सीसी की पल्सर बाइक लगभग 92,675 रुपये है, तो ऐसे में कुछ और खर्च कर कार की सवारी का लुत्फ ही क्यों न उठाया जाए।
वैसे कंपनियां इस तर्क से सहमत नहीं हैं। यूनिकॉर्न बनाने वाली बाइक कंपनी होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर्स इंडिया के प्रवक्ता ने यह तो स्वीकार किया कि नैनो से कंपनी कुछ चिंतित है, लेकिन उससे बिक्री पर असर पड़ने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया। प्रवक्ता ने कहा, ‘नैनो को लेकर आधार की असल में कोई बुनियाद ही नहीं है।
असली तस्वीर तो तब साफ होगी, जब नैनो बाजार में आएगी। दरअसल उसे खरीदने वाला तबका अलग ही होगा। वैसे भी दोपहिया वाहन अलग जरूरतें पूरी करता है और चार पहिया यानी कार अलग। युवाओं की पहली पसंद तो आज भी बाइक ही है। इसीलिए हम बहुत चिंतित नहीं हैं।’
होंडा की सबसे महंगी बाइक यूनिकॉर्न है, जिसकी दिल्ली में कीमत लगभग 55,000 रुपये है। कंपनी का कहना है कि उसकी और नैनो की कीमत में बहुत ज्यादा फर्क है, इसलिए बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रवक्ता ने कहा कि इसी वजह से नैनो को लेकर कंपनी अलग से कोई रणनीति भी नहीं बना रही है।
दोपहिया बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हीरो होंडा को जब इस सिलसिले में ई मेल भेजा गया, तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसी तरह टीवीएस मोटर के प्रवक्ता ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया। अलबत्ता बजाज ऑटो ने कहा कि उसकी बिक्री पर नैनो के आने से फर्क पड़ने की बात जल्दबाजी होगी।
लोन भी आसान
इस साल दोपहिया बिक्री में 11.9 फीसद की कमी आई है। ऐसे में सारस्वत बैंक ने भी दोपहिया कंपनियों के लिए मुश्किल बढ़ा दी हैं। इस बैंक ने महज 1,199 रुपये की मासिक किस्त पर नैनो के लिए ऋण देने का ऐलान कर दिया है।