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MSME की RBI से गुहार, क्राउडफंडिंग की मिले मंजूरी

MSME क्षेत्र की उधारी समस्या को हल करने के लिए क्राउडफंडिंग और पीटुपी ऋण मॉडल का सुझाव, निवेश की सीमा और इक्विटी आधारित क्राउडफंडिंग शामिल

Last Updated- July 16, 2024 | 10:53 PM IST
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सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) ने भारतीय रिजर्व बैंक से उधारी की समस्या को दूर करने के लिए आपस में ऋण और जनता से रकम जुटाने (क्राउडफंडिंग) के लिए एक नियामकीय ढांचा तैयार करने का अनुरोध किया है। पिछले हफ्ते मुंबई में हुई केंद्रीय बैंक के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भाग लेने वाले एक सूत्र ने यह जानकारी दी है।

सूत्र ने कहा, ‘इस रूपरेखा के सिद्ध प्रभावों को देखते हुए भारत में एक व्यापक नियामकीय ढांचा का होना आवश्यक है। इसमें किसी निवेशक के लिए एमएसएमई और ऋण आधारित क्राउडफंडिंग मॉडल में निवेश के लिए अधिकतम 10 हजार रुपये की सीमा के साथ-साथ इक्विटी आधारित क्राउडफंडिंग शामिल हो।’ उन्होंने बताया, ‘इस तरह के ढांचे से एमएसएमई को इक्विटी शेयरों के जरिये अथवा ऋण के माध्यम से रकम जुटाने का विकल्प मिलेगा, जिससे उनकी अलग-अलग तरह की आवश्यकताएं पूरी हो सकेंगी।’

इंडिया एसएमई फोरम द्वारा रिजर्व बैंक को दी गई सिफारिशों में कहा गया है कि हाल के वर्षों में भारत में एमएसएमई के लिए उधारी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे इस क्षेत्र के लिए 530 अरब डॉलर की उधारी संकट के साथ भारी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। सूत्र ने कहा, ‘नतीजतन, एमएसएमई क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा अनुपयुक्त रह गया है, जिससे उनकी वृद्धि की क्षमता और तेजी से बढ़ते वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है।’

रिजर्व बैंक को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म एमएसएमई के लिए एक आशावान विकल्प दे रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे 80 से अधिक देशों ने छोटे कारोबारों के लिए पूंजी प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए क्राउडफंडिंग के लिए नियामकीय ढांचा लागू किया है। कुल मिलाकर, क्राउडफंडिंग बाजार के जरिये जुटाई गई रकम में अमेरिका, ब्रिटेन और चीन की 96 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें अमेरिका की 51 फीसदी, चीन की 28 फीसदी और ब्रिटेन की 17 फीसदी हिस्सेदारी है।

क्राउडफंडिंग में बड़ी संख्या में व्यक्तिगत निवेशकों के जरिये पूंजी जुटाई जाती है। इसमें आमतौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये ऐसा किया जाता है। यह मुख्य तौर पर किसी परियोजना, कारोबार या उद्यम के लिए रकम जुटाने के वास्ते बड़ी संख्या में जनता के संसाधनों का लाभ उठाने की विधि है।

पीटुपी ऋण भी क्राउडफंडिंग का ही एक रूप है। इसमें लोगों को मध्यस्थ के तौर पर आधिकारिक वित्तीय संस्थान के उपयोग के बिना रकम उधार देने और लेने में सक्षम बनाया जाता है। पीटुपी कर्ज देने वाले प्लेटफॉर्म उधारकर्ताओं को सीधे निवेशकों से जोड़ते हैं, जो अक्सर बैंक से लिए जाने वाले कर्ज की तुलना में कम ब्याज दरों पर ऋण आसानी से उपलब्ध कराते हैं।

First Published - July 16, 2024 | 10:41 PM IST

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