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तकनीकी क्षेत्र में महामारी के समय से ही नौकरियां जा रही हैं मगर 2022 की पहली छमाही में देश की तकनीकी कंपनियों में जितने कर्मचारियों ने नौकरियां गंवाईं, उनकी तादाद 2022 की पहली छमाही के मुकाबले बहुत अधिक है।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की नौकरियों में छंटनी पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘लेऑफ्सडॉट एफवाईआई’ के आंकड़ों के अनुसार 2023 के पहले छह महीने में कुल 10,774 कर्मचारियों की छंटनी की गई। 2022 में इसी अवधि के दौरान 6,530 नौकरियों के नुकसान से यह करीब 65 फीसदी ज्यादा है।
यह वेबसाइट मीडिया में आई खबरों से छंटनी के बारे में जानकारी जुटाती है। हालांकि नौकरी जाने के बारे में यह एकदम सटीक स्थिति नहीं बताती मगर इससे रोजगार की स्थिति का मोटा अंदाजा लग जाता है। बढ़ती ब्याज दरों और जोखिम से बचने की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच निवेशकों ने स्टार्टअप को दी जाने वाली रकम से हाथ खींच लिए हैं।
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ब्याज दर अधिक होने से पूंजी भी महंगी है और ऐसे में बढ़ते जोखिम से बचने के लिए निवेशक नए उद्यमों पर दांव लगाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं। भारत में महामारी के पहले साल 2020 में नौकरी गंवाने वाले तकनीकी कर्मचारियों की संख्या 12,932 थी। स्टार्टअप को मिलने वाली रकम बढ़ने के साथ ही 2021 में यह संख्या घटकर 4,080 रह गई। वर्ष 2022 में स्थिति बदलनी शुरू हुई और 2023 में भारत तथा बाकी दुनिया में स्थिति खराब दिख रही है।
2023 के पहले छह महीनों में दुनिया भर में 2,13,020 तकनीकी नौकरियां कम होने की जानकारी मिली थी। 2022 की पहली छमाही में दुनिया में केवल 45,166 नौकरियां गई थीं यानी इसमें कई गुना इजाफा हुआ है। इसमें अमेरिका का बड़ा हाथ है, जहां 2023 की पहली छमाही में 1,48,491 नौकरियां चली गईं। इस तरह दुनिया भर में गईं 10 नौकरियों में सात अमेरिका में ही खत्म हुई थीं। 2023 की पहली छमाही में वैश्विक छंटनी भी साल भर पहले से 372 फीसदी बढ़ गई। भारत में इसमें 65 फीसदी इजाफा ही हुआ।
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भारत में ज्यादातर नौकरियां कुछ शहरों में ही गई हैं, जहां स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी कंपनियां सबसे अधिक सक्रिय हैं। हाल में स्टार्टअप केंद्र के रूप में विकसित होने के कारण बेंगलूरु में लगभग 6,967 तकनीकी कर्मचारियों ने अपनी नौकरी गंवा दी, जो भारतीय शहरों में नौकरी गंवाने वालों की सबसे अधिक तादाद है। इस लिहाज से मुंबई दूसरे स्थान पर (1,410) और इसके बाद गुरुग्राम (1,105), नई दिल्ली (487) और चेन्नई (400) है।
इस लिहाज से शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। इस साल की पहली छमाही में इस क्षेत्र में 3,610 छंटनी हुई है। इसके बाद खाद्य उद्यम क्षेत्र में 1,915 लोगों की छंटनी हुई। नौकरी गंवाने के लिहाज से इसके बाद खुदरा (1,272), स्वास्थ्य सेवा (891), और उपभोक्ता (718) क्षेत्र का स्थान था। कुल दर्ज छंटनी में शीर्ष तीन क्षेत्रों की हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई रही।