PTI
वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) की बैठक के कुछ घंटे बाद अमेरिका की सेमीकंडक्टर दिग्गजों माइक्रॉन टेक्नोलॉजी और अप्लाइड मटीरियल्स ने भारत में सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में 1.22 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की। रक्षा वैमानिकी में जीई एरोस्पेस ने भारतीय वायुसेना के लिए उन्नत लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (एचएएल) के साथ साझेदारी का ऐलान किया।
तीन दिन की अमेरिका यात्रा पर गए मोदी ने बुधवार देर रात माइक्रॉन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा और अप्लाइड मटीरियल्स के प्रेसिडेंट तथा सीईओ गैरी ई डिकर्सन से मुलाकात की थी। कुछ घंटे बाद ही माइक्रॉन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में असेंबली और परीक्षण के लिए नया कारखाना लगाने का ऐलान किया। यहां रैंडम-एक्सेस मेमरीऔर फ्लैश मेमरी उत्पाद बनाए और निर्यात किए जाएंगे।
केंद्र सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के संशोधित असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) कंपोनेंट के तहत सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए 82.5 अरब डॉलर के संयंत्र को मंजूरी दी गई थी। इससे 20,000 लोगों को सीधे और परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि संयंत्र दो चरणों में बनाया जाएगा। निर्माण कार्य 2023 में शुरू होगा और 2024 के अंत तक इसके चालू हो जाने की उम्मीद है।
कंपनी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘माइक्रॉन को परियोजना की कुल लागत का 50 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता के रूप में मिलेगा। 20 फीसदी हिस्सा गुजरात सरकार प्रोत्साहन के तौर पर देगी। इस संयंत्र के दोनों चरणों में माइक्रॉन और केंद्र तथा राज्य सरकार की इकाइयां कुल 2.75 अरब डॉलर निवेश करेंगी।’
यह संयंत्र दुनिया भर के बाजारों में मेमरी और स्टोरेज उपकरणों की मांग लंबे समय तक पूरा करेगा। पिछले साल माइक्रॉन ने न्यूयॉर्क में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र बनाने के लिए अगले 20 साल में 100 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश करने की घोषणा की थी।
सेमीकंडक्टर टूल बनाने वाली अप्लाइड मटीरियल्स ने भारत में नया इंजीनियरिंग केंद्र बनाने के लिए अगले चार साल में 40 करोड़ डॉलर निवेश करने का ऐलान किया है। यह केंद्र बेंगलूरु में कंपनी के मौजूदा कारखाने के पास होगा। फिलहाल देश में अप्लाइड के 6 केंद्र हैं और यह भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरु और आईआईटी, बंबई साथ काम मिलकर काम कर रही है।
अमेरिका की रक्षा क्षेत्र की कंपनी जीई एरोस्पेस ने HAL के साथ समझौता किया है, जिसके तहत दूसरी पीढ़ी के तेजस एमके2 लिए जीई एरोस्पेस के एफ414 इंजन का संयुक्त रूप से उत्पादन किया जाएगा। मोदी ने जीई को देश के विमानन और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक भूमिका निभाने के लिए भी आमंत्रित किया।
इस बीच इफको ने भी कैलिफोर्निया के कपूर एंटरप्राइजेज के साथ नैनो लिक्विड यूरिया के निर्यात के लिए करार की घोषणा की है।