स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) ने आज कहा कि एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंंक संग नियोजित विलय बैंंक की बाजार हिस्सेदारी में मजबूती लाएगा और उसके राजस्व को भी विशाखित करेगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा, हालांकि सांविधिक रिजर्व की अनिवार्यता और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को उधारी के नियम से अल्पावधि में उसके लाभ पर असर पड़ेगा।
संयुक्त इकाई का पूंजीकरण और परिसंपत्ति गुणवत्ता मोटे तौर पर एचडीएफसी बैंक के मुताबिक एकल आधार पर होगा। एचडीएफसी लिमिटेड का करीब नौ फीसदी पोर्टफोलियो रियल एस्टेट डेवलपर्स के कर्ज का है, जहां बैंक के बाकी पोर्टफोलियो के मुकाबले परिसंपत्ति गुणवत्ता कमजोर है।एसऐंडपी ने कहा, पर्याप्त पूंजी व प्रावधान आदि को देखते हुए एचडीएफसी बैंक इस पोर्टफोलियो के बढ़े जोकिम को समाहित करने में सक्षम होगा।
इसके अलावा इस विलय से प्रतिस्पर्धी दर पर रकम जुटाने की क्षमता सुधरेगी। संयुक्त इकाई की आय अगले तीन से पांच साल में सुधर सकती है। नियोजित विलय से निजी क्षेत्र के बैंक का कर्ज 42 फीसदी बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है और उसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगी।