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रेल के जरिये दोगुनी कारें भेजेगी मारुति

देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजूकी ने वित्त वर्ष 23 में रेल के जरिये 3,35,000 गाड़ियों की ढुलाई की थी।

Last Updated- August 23, 2023 | 11:00 PM IST
Maruti Suzuki's car transportation through rail doubles in five years

मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) अगले तीन साल में रेल के जरिये अपनी खेप लगभग दोगुनी करने की योजना बना रही है। कंपनी के कार्यकारी अधिकारी (कॉर्पोरेट मामले) राहुल भारती ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।

देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता मारुति सुजूकी ने वित्त वर्ष 23 में रेल के जरिये 3,35,000 गाड़ियों की ढुलाई की थी। ढुलाई की गई कुल कारों का यह 18 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 22 में कंपनी ने रेल के जरिये 2,23,000 गाड़ियों की ढुलाई की थी।

भारती ने कहा कि मारुति हरियाणा के मानेसर और गुजरात के हंसलपुर में अपनी उत्पादन इकाइयों में रेलवे साइडिंग विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि पहले गुजरात संयंत्र का उद्घाटन किया जाएगा।

साइडिंग विकसित हो जाने के बाद वाहनों को उत्पादन इकाइयों में वैगन पर लाद दिया जाएगा। वर्तमान में मारुति को अपनी कारों को सड़क मार्ग से उन रेलवे स्टेशनों तक ले जाना पड़ता है, जो उसकी उत्पादन इकाइयों के सबसे नजदीक हैं। वहां उन्हें रेल वैगन में लादा जाता है।

उन्होंने कहा कि गुजरात में रेलवे साइडिंग परियोजना पूरी तरह से चालू होने पर लगभग 3,00,000 वाहनों की खेप भेजेगी, जिससे हर साल ट्रकों के लगभग 50,000 फेरे और करीब 165 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचा जा सकेगा।

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भारती ने कहा कि कारों की खेप भेजने के अलावा मारुति बंदरगाहों और संयंत्रों के बीच उन पुर्जों और सामग्रियों की ढुलाई के लिए रेल मार्ग का उपयोग करती है, जिन्हें या तो आयात किया जाता है या निर्यात किया जा रहा होता है।

उन्होंने कहा कि कंपनी खेपों को व्यवस्थित रूप से सालाना लगभग 1,00,000 गाड़ियों तक बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसका मतलब यह है कि कार विनिर्माता वित्त वर्ष 26 तक रेल द्वारा सालाना लगभग 6,50,000 गाड़ियों का परिवहन करने की योजना बना रही है।

पिछले आठ साल में मारुति ने अपनी कार खेपों में पांच गुना तक का इजाफा किया है। वित्त वर्ष 15 में कंपनी ने रेल के जरिये केवल 65,700 गाड़ियों की ही ढुलाई की थी।

भारती ने कहा, कंपनी का मानना है कि रेल द्वारा ढुलाई ज्यादा कारगर रहती है क्योंकि यह सड़कों पर भीड़भाड़ से बचाती है, ईंधन बचाती है और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाती है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मारुति वैगन और रेलहेड वगैरह के विकास के जरिये बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है।

वर्तमान में कंपनी दिल्ली-एनसीआर और गुजरात में सात लोडिंग टर्मिनलों और 18 गंतव्य टर्मिनलों (बेंगलूरु, नागपुर, मुंबई, गुवाहाटी, मुंद्रा पोर्ट, इंदौर, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली-एनसीआर, सिलीगुड़ी, कोयंबत्तूर, पुणे, अगरतला, सिलचर, रांची और लुधियाना) का इस्तेमाल करती है।

इस बीच भारतीय रेलवे वैगनों को फिर से डिजाइन कर रही है और ट्रैक बुनियादी ढांचे को दुरुस्त कर रही है ताकि और अधिक कारों, खास तौर पर स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की उसकी अच्छी ट्रेनों से ढुलाई की जा सके।

First Published - August 23, 2023 | 11:00 PM IST

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