मारुति सुजूकी इंडिया अपनी प्रवर्तक कंपनी सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन का गुजरात संयंत्र खरीदने जा रही है। कंपनी ने यह घोषणा करते हुए आज बताया कि इसका मकसद उत्पादन क्षमता और आपूर्ति श्रृंखला को पहले से दुरुस्त करना है।
मारुति सुजूकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, ‘इसे कैसे लिया जाएगा और किस रूप में लिया जाएगा, अभी इस पर फैसला बाकी है। इस बारे में निर्णय के लिए अगले सात दिनों में बोर्ड की एक और बैठक होगी। इस सौदे से उत्पादन, लागत या मुनाफे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’
मारुति को 31 मार्च, 2024 तक यह सौदा पूरा होने की उम्मीद है। यह संयंत्र गुजरात के हंसलपुर में है, जिसे सुजूकी मोटर की सहायक इकाई सुजूकी मोटर गुजरात प्रा. लि. (एसएमजी) चला रही है। एसएमजी ठेके पर मारुति के लिए बलेनो, स्विफ्ट, डिजायर और फ्रॉन्क्स बनाती है। इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच 2015 में समझौता हुआ था।
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भार्गव ने कहा, ‘ठेके पर विनिर्माण का समझौता 8-9 साल सही से चला। उसके बाद कार उद्योग की तस्वीर पूरी तरह बदल गई। मारुति सुजूकी सालाना करीब 20 लाख कार बना सकती है और आपको पता ही है कि हम 2030-31 तक सालाना 40 लाख कार उत्पादन क्षमता की दिशा में बढ़ रहे हैं।’ फिलहाल मारुति सुजकी की सालाना उत्पादन क्षमता सालाना 22.5 लाख कार है, जिसमें करीब 7.50 लाख कार हंसलपुर कारखाने में बनाई जाती हैं।
भार्गव ने कहा, ‘हम कार्बन उर्त्सजन कम करना चाहते हैं और इसके लिए हम भारत में उपलब्ध विभिन्न तकनीकों पर विचार कर रहे हैं। इसके कारण सबसे बड़ी समस्या उत्पादन, वितरण, कलपुर्जों की आपूर्ति में तालमेल बिठाना और भी जटिल हो जाता है। कार मॉडलों की संख्या और कुल बिक्री भी बढ़ी है।
इसलिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अगले 10 साल के लिहाज से मौजूदा व्यवस्था संतोषजनक तरीके से काम नहीं कर पाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसा इंतजाम करना होगा, जिससे अगले दशक के बारे में और समस्याओं से निपटने के बारे में अगले 12 महीने में मारुति जो फैसला करे, उसे लागू करने में मदद मिले।’
भार्गव ने कहा कि अगर हमारे कुल उत्पादन का एक-चौथाई किसी ऐसी कंपनी के पास है जिसका प्रबंधन और स्वामित्व मारुति के हाथों में नहीं है तो आगे पूरा प्रबंधन ढांचा काफी जटिल हो जाएगा।
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आर सी भार्गव ने कहा, ‘मारुति सुजूकी और एसएमसी ने इस पर चर्चा की है और इसी नतीजे पर पहुंची हैं कि उत्पादन और उससे जुड़ी सभी गतिविधियां अगर एक ही प्रबंधन के अधीन हों तो मारुति के लिए अच्छा होगा। निदेशक मंडल की बैठक में आज हमने निर्णय लिया है कि ठेके पर उत्पादन का समझौता दोनों पक्षों की रजामंदी से खत्म कर दिया जाएगा और एसएमसी के गुजरात संयंत्र में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली जाएगी।’
भार्गव ने कहा कि कंपनी के लिए पहला इलेक्ट्रिक वाहन अब मारुति सुजूकी बनाएगी सुजुकी मोटर गुजरात नहीं। मारुति सुजूकी अगले साल अपना पहला ईवी उतार सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि एसएमसी गुजरात में बैटरी संयंत्र लगाना चाहती है मगर उस योजन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
मारुति सुजूकी ने गुजरात में अपना सफर 2012 में शुरू किया था। सुजूकी मोटर के तत्कालीन प्रमुख ओसामू सुजूकी ने अगस्त 2012 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और हंसलपुर में कारखाना लगाने की तैयारी शुरू हुई। यह साणंद से करीब 60 किलोमीटर दूर है।