सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली ममाअर्थ की मूल कंपनी होनासा कंज्यूमर ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने लैक्मे की सनस्क्रीन क्रीम के विज्ञापन के जरिये उसके त्वचा देखभाल ब्रांड डर्मा कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों का मजाक बनाया है।
न्यायालय में दाखिल अपनी याचिका में होनासा कंज्यूमर ने कहा है कि ‘एसपीएफ लाई डिटेक्टर टेस्ट’ शीर्षक वाले लैक्मे के विज्ञापन ने अनुचित तरीके से प्रतिस्पर्धी उत्पादों को कमतर आंका और उनकी हंसी उड़ाई है। इसमें एक उत्पाद जो होनासा के तहत एक ब्रांड द डर्मा कंपनी के सनस्क्रीन से काफी मिलता-जुलता भी है। यह विवाद लैक्मे के उस विज्ञापन अभियान पर है, जिसमें दावा किया गया है कि बाजार में कई डिजिटल-फर्स्ट सनस्क्रीन ब्रांड गलत तरीके से (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) एसपीएफ 50 सुरक्षा का दावा करते हैं। लेकिन बहुत कम सुरक्षा देते हैं। कभी-कभी तो यह 20 एसपीएफ से भी कम होता है।
उधर, हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कहा कि लैक्मे इन-विवो एसपीएफ परीक्षण का पालन करता है, जो दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है और साल 2015 से वह ऐसा कर रही है। न्यायमूर्ति अमित बंसल के एकल पीठ ने कहा कि हिंदुस्तान यूनिलीवर के विज्ञापन प्रथमदृष्टया हंसी उड़ाने वाले लग रहे हैं लेकिन पीठ ने उसे गुरुवार को अपनी दलीलें पेश करने को कहा है।