Left to Right: Shirish Barwale, Managing Director, Mahyco Pvt. Ltd and Ajai Rana - Business Head, Asia Pacific, RiceTec
बीज की प्रमुख कंपनी महिको प्राइवेट लिमिटेड ने अमेरिकी बीज कंपनी राइस टेक के साथ 50-50 संयुक्त उद्यम परयान बनाया है। इसके तहत भारतीय किसानों के लिए पर्यावरण के अनुकूल गैर-जीएमओ हर्बीसाइड टॉलरेंट (एचटी) चावल और गेहूं के विभिन्न किस्में पेश की जाएंगी। इन प्रौद्योगिकियों से तैयार किए गए चावल और गेहूं की संकर किस्में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले ब्रॉड स्पेक्ट्रम हर्बीसाइड इमेजथायपर के प्रति प्रतिरोधी हैं।
कंपनी के प्रवर्तकों का दावा है कि किसान पौधों के पीले होने के भय के बगैर हर्बीसाइड इमेजथायपर का खुलकर उपयोग कर सकते हैं। इससे वे खरपतवार के भय के बिना सीधे तौर पर बीज की बोआई कर सकते हैं। जबकि गेहूं की किस्में जीरो टिलेज खेती के लिए उपयुक्त हैं। एचटी चावल के मामले में संयुक्त उद्यम फुलपेज तकनीक का व्यवसायीकरण करेगा। यह नई पीढ़ी की डबल स्टैक म्युटेंट हर्बीसाइज टॉलेरंट राइस प्रौद्योगिकी है। गेहूं के मामले में फ्रीहिट प्रणाली प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
महिको के प्रबंध निदेशक शिरीष बरवाले ने कहा कि क्षेत्रीय अध्ययनों से पता चला है कि इस तकनीक के जरिये सात किलो तक संकर किस्म के चावल और इमेजथायपर की लागत 5,550 रुपये प्रति एकड़ के करीब होगी, जबकि छह किलो तक अन्य भी चावल के साथ हर्बीसाइड की कीमत करीब 4 हजार रुपये प्रति एकड़ होगी। उन्होंने कहा, ‘मगर पुराने पारंपरिक तरीकों में ट्रैक्टर का किराया, धान की रोपाई के लिए पोखर और श्रम की लागत जैसी अन्य खर्चें शामिल नहीं हैं।’