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मैजिकब्रिक्स बढ़ाएगी AI का इस्तेमाल, सार्वजनिक सूचीबद्धता की भी योजना

कंपनी एआई में निवेश कर रही है और वह एआई नवाचार के माध्यम से कामयाबी जारी रखने के लिए इसका लाभ उठाएगी

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गुलवीन औलख   
Last Updated- October 03, 2025 | 10:02 PM IST

प्रॉपर्टी किराए पर लेने-देने और खरीदने-बेचने के लिए खोजबीन सेवा देने वाला रियल एस्टेट कंपनी मैजिकब्रिक्स अगले दो से तीन वर्षों में सार्वजनिक सूचीबद्धता की योजना बना रही है। कंपनी अपने होम लोन वितरण व्यवसाय का विस्तार कर रही है और अपने होम इंटीरियर कारोबार को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। दोनों ही उपभोक्ताओं की दिलचस्पी और खर्च के बड़े क्षेत्र हैं।

कंपनी के सीईओ सुधीर पई ने एक वीडियो बातचीत में कहा, हम पिछले चार सालों से मुनाफे में हैं और हमारा नकदी प्रवाह सकारात्मक है। जैसे-जैसे वृद्धि के हमारे खंड और मजबूत होंगे, दो-तीन सालों में लिस्टिंग संभव है।

पई ने कहा, कंपनी एआई में निवेश कर रही है और वह एआई नवाचार के माध्यम से कामयाबी जारी रखने के लिए इसका लाभ उठाएगी। वह साइट विजिट, होम लोन, होम इंटीरियर और कानूनी सहायता सहित अपनी सहायक सेवाओं के मानक बढ़ाएगी क्योंकि इनकी मांग बढ़ रही है। पई ने कहा, हम विभिन्न कामकाज में एआई को सक्रियता के साथ शामिल कर रहे हैं। पहला चरण आंतरिक रूप से उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित है। हमने लिस्टिंग मॉडरेशन और दस्तावेज को संक्षेप में रखने के मामले में उल्लेखनीय सुधार हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता-पहलू से एआई का लिस्टिंग सत्यापन और स्मार्ट अनुशंसाओं पर प्रभाव पड़ना शुरू हो जाएगा।

पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट बाजार में आई तेजी के बीच कंपनी एक पूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हुई है। यह न केवल खोजबीन और तलाशी की पेशकश करती है, बल्कि साइट विजिट, होम लोन, होम इंटीरियर, कानूनी सहायता और संपत्ति मूल्यांकन सहित सभी सेवाएं देती है।

पई ने कहा, भारतीय रियल एस्टेट बाजार में लेन-देन में तेजी और कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इस साल कीमतें औसतन 24 फीसदी बढ़ी हैं जबकि मांग में 9 फीसदी का इजाफा हुआ है। हमने इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मैजिक होम्स के साथ विस्तार किया है, जो डेवलपर लिस्टिंग के लिए हमारा अलग से सेक्शन है।

पई ने कहा कि मैजिक होम्स नामक श्रेणी पेश करने के बाद कंपनी घर खरीदारों के लिए इस खंड में सुधार करना चाहती है।  इस खंड में डेवलपरों द्वारा निर्माणाधीन घर होते हैं। उन्होंने आगाह किया कि खरीद क्षमता चिंता का मसला बनती जा रही है और इसका मांग पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, भारत का कीमत आय अनुपात अब 7 से ऊपर है जबकि वैश्विक औसत 5 है। किफायती कीमतों पर आपूर्ति में बाधा बढ़ रही हैं।

उच्च कीमत आय अनुपात किराये में तेज वृद्धि का संकेत देता है, जिससे संभवतः ग्राहकों को अधिक किराया देना पड़ सकता है और वे अधिक महंगे किराये वाले आवासों की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

First Published : October 3, 2025 | 10:02 PM IST