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LTIMindtree Q3 के बाद ‘आगे की रणनीति’ क्या होगी? पढ़ें, CEO देवाशिष चटर्जी का फुल इंटरव्यू

इस तिमाही में हमारे पास रिकॉर्ड 1.6 अरब डॉलर के ऑर्डर थे, जो कंपनी के इतिहास में सबसे ज्यादा है।

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- January 19, 2025 | 10:49 PM IST

LTIMindtree के CEO और प्रबंध निदेशक देवाशिष चटर्जी  ने कहा है कि कंपनी की एआई रणनीति (हर चीज में एआई, एआई के लिए सबकुछ और हर किसी के लिए एआई) फर्म और क्लाइंट दोनों को इसके नतीजे दे रहा है। कंपनी की तीसरी तिमाही के नतीजे के बाद शिवानी शिंदे को वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने वित्त वर्ष 26 के लिए दृष्टिकोण, दक्षता-संचालित सौदों में एआई की भूमिका और विवेकाधीन खर्च की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी। मुख्य अंश…

तीसरी तिमाही में आपके प्रदर्शन के आधार पर क्या चौथी तिमाही व वित्त वर्ष 26 बेहतर दिख रहा है?
पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में वृद्धि की जो रफ्तार हम हासिल करते हैं, वह हमें भरोसा देता है कि चौथी तिमाही में भी हम इसे बनाए रख सकते हैं। इस तिमाही में हमारे पास रिकॉर्ड 1.6 अरब डॉलर के ऑर्डर थे, जो कंपनी के इतिहास में सबसे ज्यादा है। हमारा 1.5 बुक टु बिल्ड रेश्यो है। इसे देखते हुए हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 26, वित्त वर्ष 25 के मुकाबले बेहतर रहेगा। वास्तव में इस तिमाही में टेक व मीडिया को छोड़कर पांच वर्टिकल में वृद्धि दर्ज हुई।

कंपनी ग्राहकों को तीसरी तिमाही में उत्पादकता में हुए कुछ लाभ दे रही है। क्या आपको लगता है कि यह चौथी तिमाही में भी जारी रहेगा?
हमारा शीर्ष ग्राहक एआई में सबसे आगे है और इस क्षेत्र में दूरदर्शी है। उनके साथ काम करते समय हमने जानबूझकर कुछ उत्पादकता लाभ दिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस ग्राहक से राजस्व में थोड़ी गिरावट आई है। हमने यह भी उल्लेख किया है कि तीसरी तिमाही में इन उत्पादकता लाभों का प्रभाव चौथी तिमाही में भी जारी रहेगा। हालांकि, यह एक रणनीतिक कदम है। उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाकर हम अपने ग्राहक संबंधों को मजबूत करते हैं और अंततः लंबे समय में अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करते हैं। हालांकि अल्पकालिक गिरावट हो सकती है, यह दृष्टिकोण भविष्य में वृद्धि को गति देगा।

उच्च ऑर्डर हासिल करने के साथ क्या जमीनी स्तर पर चीजें बदल गई हैं और क्या आपको लगता है कि यह गति बनी रहेगी?
मेरा मानना है कि हासिल ऑर्डर का मूल्यांकन तिमाही के बजाय वार्षिक आधार पर किया जाना चाहिए। जबकि तीसरी तिमाही में हासिल ऑर्डर मजबूत था, ऐसे में हमें विश्वास है कि चौथी तिमाही पिछले साल के आंकड़ों को पार कर जाएगा। पिछले 24 महीनों से विवेकाधीन खर्च रुका हुआ है और बीएफएस (बैंकिंग और वित्तीय सेवा) को छोड़कर हमें अभी भी व्यापक-आधारित सुधार नहीं दिख रहा है। 24 महीने का ठहराव अभूतपूर्व है, लेकिन हमें उम्मीद है कि विवेकाधीन खर्च के बारे में चर्चा अन्य क्षेत्रों में फिर से शुरू होगी, खासकर जब हम अगले वित्तीय वर्ष में प्रवेश करेंगे। तीसरी और दूसरी तिमाही में हमने जो ऑर्डर हासिल किए, वे विवेकाधीन खर्च के बजाय बड़े पैमाने पर वेंडर के एकीकरण और लागत अनुकूलन से प्रेरित थे। एआई हमारी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, क्योंकि हम इसे अपने सभी समाधानों में आक्रामक रूप से एकीकृत करते हैं। हमारी एआई रणनीति (हर चीज में एआई, एआई के लिए सबकुछ, और हर किसी के लिए एआई) अब क्रियान्वित हो रही है।

क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे आप एआई सौदों की मात्रा निर्धारित कर सकते हैं?
एआई सौदों की मात्रा निर्धारित करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन कुछ चीजें जिन पर हम निगरानी रख रहे हैं, वह यह है कि लगभग 100 फीसदी कार्यबल एआई ओरिएंटेशन के बुनियादी सिद्धांतों से गुजर चुका है। हम यह भी माप रहे हैं कि क्या हम अपने 100 अग्रणी ग्राहकों से एआई के बारे में बात कर रहे हैं। ऐसा हो रहा है, हम बहुत आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। 60 से अधिक ग्राहकों के साथ हम एआई पर बातचीत कर रहे हैं। हमने एजेंटिक एआई में भी निवेश किया है। हमने हाल ही में वॉइसिंग एआई नामक स्टार्टअप में निवेश की घोषणा की है। एजेंटिक एआई का लाभ उठाने के संभावित अवसरों पर हम पहले से ही 40 से अधिक ग्राहकों के साथ बातचीत कर रहे हैं।

क्या आपको लगता है कि स्वविवेक वाले खर्च की चौथी तिमाही में वापसी होगी?
मुझे लगता है कि ग्राहकों की प्राथमिकता लागत कम करना और दक्षता बनी हुई है। विशेष रूप से जेनएआई के सक्रिय होने से ग्राहकों को अहसास हुआ है कि उनके पोर्टफोलियो में कुछ आसान व फायदेमंद चीजें होंगी, जिन पर वे लागत निकालने के मामले में ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि एक थीम के रूप में लागत निकालना अधिक समय तक बना रहेगा। दूसरे, विवेकाधीन का अनिश्चित बाजार पर कुछ प्रभाव पड़ेगा, लेकिन आपके ग्राहकों के पोर्टफोलियो में विवेकाधीन भी एक कारक है। हमारे मामले में यह अलग हो सकता है। अभी तक हमने व्यापक आधार पर वापसी नहीं देखी है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि 24 महीने के विराम के बाद और अब नई सरकार के आने के बाद, वित्त वर्ष 2026 में विवेकाधीन खर्च वापस आ सकती है।

First Published : January 19, 2025 | 10:46 PM IST