सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को घटाने और अन्य आर्थिक सुधारों का वादा करने के साथ ही लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), रिकॉर्ड ऑर्डर, निजी क्षेत्र के खर्च में सुधार और 100 अरब डॉलर के बाजार मूल्य के साथ ‘अत्यधिक रोमांचक चरण’ में प्रवेश कर रही है। ये बातें एलऐंडटी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहीं।
सुब्रह्मण्यन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘हमारे पास 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर है जो ढाई-तीन साल की बिक्री के बराबर है और ये विश्वसनीय ग्राहकों से गुणवत्ता वाले ठेके हैं। यह हमें बेहतर परियोजनाओं को चुनने और उसे सही तरीके से पूरा करने का आत्मविश्वास देता है।’
देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी एलऐंडटी को भारत के निवेश चक्र का अगुआ माना जाता है। इस कंपनी को सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा खर्च में वृद्धि और निजी क्षेत्र का पूंजीगत खर्च पटरी पर लौटने का लाभ हुआ है। इस्पात, वाहन और उपभोक्ता उत्पाद सहित कई क्षेत्रों से नए ऑर्डर आ रहे हैं जबकि बहुपक्षीय और सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं की मांग बनी हुईं हैं।
सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘कोविड महामारी के दौरान निजी पूंजीगत खर्च लगभग शून्य था मगर अब हमारे पास काफी ऑर्डर हैं।’ उन्होंने इस्पात विनिर्माताओं, ह्युंडै, टोयोटा और मारुति सुजूकी जैसी वाहन कंपनियों के साथ-साथ बिड़ला, जिंदल और रसायन फर्मों सहित उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों की नई परियोजनाओं का हवाला दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से ऑर्डर प्रवाह भी मजबूत है।
सकारात्मक दृष्टिकोण ने एलऐंडटी समूह के बाजार पूंजीकरण को 100 अरब डॉलर के करीब पहुंचाने में मदद की है, जिससे यह भारत के सबसे मूल्यवान समूहों में से एक बन गया है। सुब्रह्मण्यन ने कहा कि हाल के वर्षों में समूह का बाजार पूंजीकरण 3.3 गुना, कर बाद लाभ 2.7 गुना और नकदी प्रवाह 3 गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा, ‘यह सब अंततः शेयरधारकों का है।’
कंपनी अपनी बैलेंस शीट को भी मजबूत कर रही है। एलऐंडटी वर्तमान में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक नकद भंडार के साथ कर्ज-मुक्त है। सुब्रह्मण्यन ने कहा कि एलऐंडटी समूह अब कोविड-19 महामारी जैसे झटकों से बचाव के लिए व्यवसायों में छह महीने के लाभ के बराबर नकदी रखता है। उन्होंने कहा, ‘एक संगठन के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण चीज अपने लोगों का ध्यान रखना है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वेतन और दायित्व कभी भी खतरे में न हों।’
एलऐंडटी का अंतरराष्ट्रीय कारोबार गति पकड़ रहा है, खास तौर पर पश्चिम एशिया में, जहां कंपनी ने हाइड्रोकार्बन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र से बड़े ठेके हासिल किए हैं। कतर एनर्जी और सऊदी अरब से हाल के ऑर्डर में भारत और ओमान में इसके यार्डों में निर्मित विशाल अपतटीय प्लेटफॉर्म शामिल हैं। सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘ये महत्त्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं, जिन पर हर इंजीनियर काम करने की इच्छा रखता है।’ उन्होंने कहा कि विदेश में अब हाइड्रोकार्बन, बिजली पारेषण और अक्षय ऊर्जा पर खासा ध्यान दिया जा रहा है।
एलऐंडटी समूह अपने पोर्टफोलियो को नया रूप दे रहा है। एलऐंडटी फाइनैंस को म्युचुअल फंड, वेल्थ मैनेजमेंट और बुनियादी ढांचा ऋण बेचने के बाद लगभग पूरी तरह से रिटेल ऋणदाता में बदल दिया गया है। एलऐंडटी माइंडट्री ने भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद अच्छे ऑर्डर हासिल किए हैं और कंपनी को हाल ही में पैरामाउंट से सबसे बड़ा ऑर्डर मिला है। लगभग 8 करोड़ वर्गफुट भूमि बैंक के साथ एलऐंडटी रियल्टी का भी कारोबार बढ़ रहा है। इस साल इस कारोबार को 4,500 करोड़ रुपये की आय और 800 से 900 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है।