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खुद को आशावादी बताने वाले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक (MD) के कृत्तिवासन को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में वृद्धि की रफ्तार जनवरी-मार्च 2024 के मुकाबले सुस्त रहने के बाद भी लंबी अवधि में प्रौद्योगिकी सेवाओं की मांग बनी रहेगी। शिवानी शिंदे से बातचीत में उन्होंने तमाम मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। प्रमुख अंश:
वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में आपने कहा था कि ग्राहकों से मिलने के लिए आप खूब घूमेंगे। बातचीत में क्या सामने आया?
TCS के ग्राहकों के साथ मुलाकात का मेरा मकसद यह समझना था कि उनका जोर किस पर है, उनकी अपेक्षा क्या हैं और भविष्य उन्हें कैसा दिख रहा है। अच्छी खबर यह है कि ग्राहकों के साथ हमारे रिश्ते काफी मजबूत हैं और वे हमारे साथ मिलकर बहुत कुछ करना चाहते हैं। मांग की बात करें तो वृहद आर्थिक चुनौतियों के बीच कंपनियां भी सोच-समझकर खर्च कर रही हैं। मगर वे भी मानती हैं कि कुछ जरूरी खर्चों से बचा नहीं जा सकता। इसलिए मुझे लगता है कि जेन एआई जैसी नई प्रौद्योगिकी कारोबार से चलेगी आईटी से नहीं। बातचीत में कुल मिलाकर यही पता चला कि लंबी अवधि का प्रौद्योगिकी खर्च प्रभावित नहीं होगा।
आपने कहा है कि चालू वित्त वर्ष मे दो अंकों की वृद्धि मुश्किल है। तो क्या सुधार का कोई संकेत नहीं दिख रहा है?
पहली तिमाही में हमारी वृद्धि पिछली तिमाही जैसी ही रही है। ऐसी सुस्त तिमाही के बाद दो अंकों में वृद्धि हासिल करने के लिए हमें क्रांतिकारी प्रदर्शन करना होगा। हम ऐसा ही चाहेंगे। गर हमें कायापलट जैसे लक्षण दिखते तो हमने सभी को बता दिया होता। इसलिए झूठी उम्मीद बंधाने का कोई फायदा नहीं है। दूसरी ओर टीसीवी वृद्धि अच्छी है। बदलाव और लागत घटाने वाली परियोजनाओं पर ग्राहकों के साथ चर्चा जारी है। इससे साफ है कि आगे पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं।
TCS की आय मुख्य तौर पर तीन मोर्चों- लागत में कटौती, क्लाउड एवं बदलाव वाले सौदे और उत्पाद एवं प्लेटफॉर्म- से आती है। आपको इनमें से कहां से वृद्धि आती दिख रही है?
बाजार की अभी की हालत में लागत में कटौती बढ़ेगी क्योंकि वेंडरों के हाथ मिलाने से वृद्धि तेज होगी। कामकाज को कारगर बनाने पर भी बातचीत हो रही है। मगर लागत में कटौती पर अधिक जोर रहेगा क्योंकि ग्राहक कुल दक्षता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। क्लाउड बना रहेगा। कंपनियां उसे भविष्य बदलने वाली अपनी रणनीतियों का हिस्सा मान रही हैं। ब्रिटेन में खास तौर पर बीमा क्षेत्र में उत्पाद एवं प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन हमारे लिए अच्छा रहा है।
तो क्या बड़े सौदे फिर आ रहे हैं?
जहां तक बड़े सौदों का सवाल है तो पिछली तिमाही के मुकाबले हमें बड़े सौदे ज्यादा नहीं दिखे हैं। मगर उनमें कुछ बड़े सौदे होंगे। हर ग्राहक अलग तरीके से काम करेगा।
BFSI के बारे में आप क्या कहेंगे?
तीसरी तिमाही बीएफएसआई क्षेत्र के लिए आम तौर पर कमजोर रहती है। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही भी सुस्त थी। यह तिमाही दमदार रहने की उम्मीद की गई थी, मगर ऐसा नहीं हुआ। बीएफएसआई को तोड़ें तो विशुद्ध रूप से उधार देने का कारोबार, संपत्ति प्रबंधन, पूंजी बाजार, बीमा और रेहन जैसे कारोबार सामने आते हैं। इनमें से हरेक की अपनी खासियत है। इसलिए इस क्षेत्र में चार-पांच चुनौतियां दिखती हैं। बाजार के स्थिर होने पर पूंजी बाजार में भी सुधार होगा। फिलहाल यह कहना कठिन है कि दूसरी तिमाही में स्थिति कैसी रहेगी, लेकिन इतना तय है कि मौजूदा तस्वीर तेजी से बदल रही है।
GAI के बारे में कर्मचारी क्या कह रहे हैं? क्या उन्हें नौकरी जाने की चिंता है? एक्सेंचर जैसी कंपनियों ने बड़े निवेश की घोषणा की है। क्या टीसीएस भी निवेश बढ़ाएगी?
कर्मचारी पूछते हैं कि हमारी योजना क्या है, उन्हें कैसे प्रशिक्षण दिया जाएगा और इन तकनीकों पर काम करने लायक कैसे बनाया जाएगा क्योंकि नई तकनीक आने पर काम काफी बढ़ जाता है। हो सकता है कि बढ़े हुए काम के लिए पहले जितने लोगों की जरूरत नहीं हो। हमारे लिए काम इतना बढ़ गया है कि हमें और भी लोग रखने पड़ रहे हैं। लोग जीएआई को प्रोग्रामिंग के नजरिये से देखते हैं मगर इसमें काफी संभावनाएं हैं। जहां तक निवेश का सवाल है तो हम 1 लाख लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। हम साझेदारी करेंगे और जरूरी निवेश भी करेंगे।