उड़ीसा के कलिंगनगर में टाटा स्टील के प्रस्तावित इस्पात संयंत्र का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को एक नई सौगात मिलने जा रही है।
टाटा समूह इस प्रस्तावित स्थल पर एक बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) केंद्र स्थापित कर रहा है। यह ग्रामीण बीपीओ केंद्र टाटा बिजनेस सपोर्ट सर्विसेज (टीबीएसएस) की ओर से स्थापित किया जाएगा। टीबीएसएस टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली बीपीओ शाखा है।
टीबीएसएस पिछले 60 वर्षों से टाटा समूह की ओर से चलाए जा रहे एक संगठित गैर-सरकारी संगठन के साथ मिलकर यह बीपीओ केंद्र खोलेगी। शुरू में इसमें 200 लोगों के काम करने की संभावना है।
इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि कंपनी बीपीओ केंद्र के लिए पहले बैच के कर्मचारियों की भर्ती पहले ही कर चुकी है जिन्हें हैदराबाद में टीबीएसएस मुख्यालयों में दो महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजारे जाने की संभावना है। इसे ध्यान में रखकर टीबीएसएस ने एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है। फिलहाल यह कंपनी तीन ग्रामीण बीपीओ केंद्र चलाती है जिनमें कुल तकरीबन 500 लोग काम करते हैं।
टीबीएसएस के हैदराबाद मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने बीपीओ केंद्र खोले जाने की पुष्टि कर दी है। टाटा समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ऐसे स्नातकों और स्नातक की पढ़ाई कर रहे छात्रों की तलाश कर रही है जो कामचलाऊ अंग्रेजी जानते हों। इस केंद्र का उद्देश्य उड़ीसा में टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा स्काई जैसी समूह कंपनियों के लिए ग्राहक समर्थित कार्यों का प्रबंधन करना है।
बीपीओ केंद्र उड़ीसा में प्रमुख रूप से सक्रिय अन्य कंपनियों के लिए भी अपनी सेवाएं मुहैया कराएगा। टाटा समूह के एक अधिकारी ने बताया, ‘इससे हमें जयपुर रोड और दुबुरी जैसे अर्द्ध-शहरी इलाकों में शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवकों से पहुंच बनाने का अवसर प्राप्त होगा।’