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ऑस्ट्रेलियाई खदान लेंगे जिंदल, JSW Steel हिस्सा खरीदने के लिए व्हाइटहैवन कोल से कर रही बात

ह्वाइटहैवन 80 करोड़ से 1 अरब डॉलर में 20 फीसदी हिस्सा बेचने के लिए JSW से बात कर रही है।

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देव चटर्जी   
Last Updated- February 26, 2024 | 2:34 PM IST

अरबपति कारोबारी सज्जन जिंदल के स्वामित्व वाली कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ह्वाइटहैवन कोल की एक कोयला खदान में 20 फीसदी हिस्सेदारी करीब 1 अरब डॉलर में खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। मामले की करीबी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि बातचीत सफल रही तो सौदा मार्च के आरंभ में हो सकता है।

ह्वाइटहैवन दुनिया भर में साझे उपक्रम बनाने के लिए साझेदार तलाश रही है, इसलिए उसने सेंट्रल क्वींसलैंड की अपनी ब्लैकवाटर खदान में कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि ह्वाइटहैवन 80 करोड़ से 1 अरब डॉलर में 20 फीसदी हिस्सा बेचने के लिए जेएसडब्ल्यू से बात कर रही है। इस तरह कंपनी की कुल कीमत 4 से 5 अरब डॉलर लगाई जा सकती है।

ऑस्ट्रेलियाई कंपनी इस सौदे के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील के अलावा जापान की कंपनी निप्पॉन स्टील और दूसरे संभावित खरीदारों से भी बात कर रही है। मगर सूत्रों के मुताबिक निप्पॉन स्टील अभी यूएस स्टील के अ​धिग्रहण में व्यस्त है। जेएसडब्ल्यू स्टील और ह्वाइटहैवन के प्रवक्ता ने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

जेएसडब्ल्यू समूह ने 2023 में कनाडा की टेक रिसोर्सेज की धातुकर्म में इस्तेमाल होने वाले कोयले की इकाई में 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया था। जेएसडब्ल्यू स्टील उसमें 2 अरब डॉलर तक निवेश खुद करना चाहती थी और दूसरे साझेदार भी तलाश रही थी। मगर कीमत पर रजामंदी नहीं बन पाने के कारण बातचीत टूट गई।

जेएसडब्ल्यू स्टील ने 2030 तक अपनी क्षमता सालाना 5 करोड़ टन करना चाहती है और उसके लिए जरूरी कच्चा माल पक्का करने के लिए वह अधिग्रहण कर रही है। कंपनी ऑस्ट्रेलिया और दूसरी जगहों पर उच्च गुणवत्ता वाली कोयला खदानें तलाश रही है। ऑस्ट्रेलिया से आने वाले अधिक गर्मी देने वाले ताप कोयले की मांग भारतीय कंपनियों के बीच बनी रहने की उम्मीद है। विश्लेषकों ने कहा कि रूस के प्रतिबंधों और ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में मौसमी प्रभावों के कारण भी कोयले की कीमत चढ़ी हैं।

अदाणी और टाटा समूह सहित कई भारतीय कंपनियों ने विदेश की कोयला खदानों में निवेश किया है। अदणी समूह ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया में सेंट्रल क्वींसलैंड के गैलिली बेसिन में नई कारमाइकल कोयला खदान परियोजना और नॉर्थ क्वींसलैंड में बोएन के समीप पोर्ट ऑफ ऐबट पॉइंट खरीदने के साथ ही अपना कारोबार शुरू किया था।

समूह ने समीप के बंदरगाह तक कोयला ढुलाई के लिए रेल लाइन बिछाने पर और कारमाइकल कोयला खदान पर 16.5 अरब डॉलर का भारी निवेश करने की योजना बनाई थी मगर मांग में नरमी देखकर कंपनी ने अपना निवेश घटा दिया है।

जीवीके, लैंको, एस्सार और वेदांत समूह ने भी विदेश में कोयला खदानें खरीदी हैं। जेएसडब्ल्यू स्टील का शेयर आज 820 रुपये पर बंद हुआ। इस लिहाज से कंपनी का बाजार मूल्यांकन करीब 2 लाख करोड़ रुपये बैठता है।

जिंदल समूह ने भारत में कई इस्पात परिसंप​त्तियों के अ​धिग्रहण से अपना कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया है। उसके प्रमुख अ​धिग्रहण में महाराष्ट्र में इस्पात स्टील की इकाई के अलावा भूषण पावर ऐंड स्टील और जेपी समूह की बिजली परिसंप​त्तियां शामिल हैं। समूह एमजी मोटर इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी के अ​धिग्रहण के साथ इले​क्ट्रिक वाहन कारोबार में भी दस्तक देने की तैयारी कर रहा है।

इस महीने के आरंभ में उसने ओडिशा में एक नई कमर्शियल एवं इले​क्ट्रिक कार विनिर्माण परियोजना में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी। बाद में जेएसडब्ल्यू स्टील और जेएसडब्ल्यू समूह की कंपनियों ने घोषणा की कि वे ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में एक एकीकृत विनिर्माण परिसर स्थापित करने पर करीब 65,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।

First Published : February 19, 2024 | 11:40 PM IST