प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
जयप्रकाश एसोसिएट्स के लेनदारों की समिति छांटे गए पांच बोलीदाताओं की समाधान योजना के आकलन के अंतिम चरण में है और लेनदार अग्रिम नकदी को प्राथमिकता दे रहे हैं और बोलीदाताओं से पेशकश को और बेहतर बनाने का अनुरोध कर रहे हैं। लेनदारों और बोलीदाताओं की आज की बैठक में लेनदारों ने प्रस्तावित समाधान योजना के ढांचे और फंडिंग पर चर्चा की।
हालांकि, सभी बोलियां ग्रेटर नोएडा में जयप्रकाश की 1,000 हेक्टेयर की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना से जुड़े एक महत्वपूर्ण कानूनी मामले के नतीजे पर निर्भर हैं। मार्च में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा भूमि आवंटन रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा था। मामला अब सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
अदाणी समूह 12,250 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे आगे है, जिसमें 3,500 करोड़ रुपये का तत्काल नकद भुगतान शामिल है। अदाणी की पेशकश में अधिग्रहण के बाद कंपनी के भीतर 890 करोड़ रुपये बरकरार रखना और विवादित येडा भूमि से संभावित रूप से 2,600 करोड़ रुपये को समाहित करना शामिल है, जो अदालत के अनुकूल फैसले के अधीन है। सूत्रों का कहना है कि कानूनी अड़चनों के बावजूद अदाणी के प्रस्ताव को अभी ऋणदाताओं द्वारा इसकी बेहतर नकदी संरचना के कारण सबसे विश्वसनीय माना जा रहा है।
डालमिया भारत ने सबसे ऊंची 14,500 करोड़ रुपये की पेशकश की है, लेकिन इसमें विवादित भूमि की पूरी वैल्यू शामिल है। अगर सर्वोच्च न्यायालय जमीन के दावे को खारिज कर देता है तो बोली घटकर 11,500 करोड़ रुपये की रह जाएगी, जिसमें 8,000 करोड़ रुपये का नकद भुगतान, 2,600 करोड़ रुपये येडा जमीन की वापसी और बाकी दो से तीन साल में भुगतान की योजना शामिल है।
अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाले वेदांत समूह ने कई अन्य शर्तों के साथ-साथ येडा भूमि मामले को जीतने की शर्त पर 13,500 करोड़ रुपये की बोली पेश की है। पीएनसी इन्फ्राटेक के 10,240 करोड़ रुपये के प्रस्ताव में 1,040 करोड़ रुपये की अग्रिम नकदी शामिल है, जिसमें 5,100 करोड़ रुपये 24 महीनों में चुकाने होंगे और बाकी रकम अगले दस वर्षों में चुकाने का प्रस्ताव है। जिंदल स्टील ऐंड पावर ने 11,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिसमें 6,500 करोड़ रुपये अग्रिम नकदी और बाकी रकम येडा निपटान की शर्त पर देने की पेशकश की गई है। जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ लेनदारों के कुल स्वीकृत दावे 59,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं। सभी प्रस्तावों में बैंकों को अपने दावों का 79 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ेगा।
कंपनी ने 3 जून, 2024 को दिवालिया कार्रवाई में प्रवेश किया। इसकी परिसंपत्ति का आधार सीमेंट, रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचा, आतिथ्य और जेपी ग्रीन्स, विश टाउन और आगामी जेवर हवाईअड्डे के पास अंतरराष्ट्रीय खेल शहर जैसे प्रमुख डेवलपमेंट हैं।
वित्त वर्ष 24 तक जयप्रकाश एसोसिएट्स ने 6,568 करोड़ रुपये का कुल राजस्व और 36,140 करोड़ रुपये की संपत्ति दर्ज की है, जिसमें से रियल एस्टेट का हिस्सा 19,119 करोड़ रुपये है। समूह की सीमेंट, एक्सप्रेसवे, उर्वरक, विमानन और कृषि में भी रुचि है।