Categories: आईटी

झगड़े का अंजाम, आधी रोटी आधा काम

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:06 AM IST

हिंदी फिल्म निर्माताओं, वितरकों और मल्टीप्लेक्स मालिकों के बीच चल रहे विवाद से नुकसान सभी का हो रहा है।
इस विवाद के कारण मल्टीप्लेक्स में काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटकने लगी है। मल्टीप्लेक्स की कमाई कम होने और खर्च की भरपाई करने के लिए कुछ मल्टीप्लेक्स सिनेमा कंपनियों ने करीब 30 से 40 फीसदी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है।
मल्टीप्लेक्स थियेटरों में औसतन 5 स्क्रीन होते है। एक मल्टीप्लेक्स में औसतन 250-300 कर्मचारी काम करते हैं लेकिन सिनेमा हाल में नई फिल्में न आने से मल्टीप्लेक्स मालिकों को कुछ स्क्रीनों में प्रदर्शन पूरी तरह रोक देना पड़ा है।
एक मल्टीप्लेक्स थियेटर मालिक के अनुसार इस समय मुश्किल से तीन स्क्रीनों में ही फिल्मों का प्रदर्शन किया जाता है। दर्शकों की कमी के वजह से लगभग आधे शो रद्द करने पड़ते है। जब काम ही नहीं है तो कर्मचारियों को रोज बुला कर क्या किया जाए?
सिनेमैक्स में काम करने वाले राजू के अनुसार उसकी कंपनी ने लगभग आधे लोगों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। यह पूछने पर कि उनको दोबारा काम पर रखेंगे या नहीं, वह कहता है कि इस बारे में अभी कंपनी ने कुछ भी साफ-साफ नहीं कहा है, लेकिन मंदी का बहाना बना कर कर्मचारियों को निकाला जा रहा है।
इससे कई कर्मचारियों के मन में डर बैठ गया है कि कहीं उनकी भी नौकरी न चली जाए। जो कर्मचारी काम पर हैं,उनको भी उतना काम नहीं मिलता है जितना निर्माताओं के हड़ताल पर जाने से पहले मिलता था।
कर्मचारियों की छंटनी और वेतन कटौती के सवाल पर फन मल्टीप्लेक्स के सीओओ विशाल कपूर कहते हैं कि थियेटर के अंदर काम करने वाले लोग कम वेतन वाले हैं तो उनके वेतन में कटौती का कोई सवाल ही नहीं है। रही बात छंटनी की तो मल्टीप्लेक्स में जितने कर्मचारी काम कर रहे हैं, लगभग उतने लोगों की यहां जरूरत भी है। ऐसे में छंटनी कैसे की जा सकती है।
काम की कमी की वजह से जो कर्मचारी छुट्टी पर जाना चाहते थे, उन्हें छुट्टी दी गई है न कि नौकरी से निकाला गया। दूसरी ओर बिग सिनेमा में काम करने वाले मैनेजर स्तर के एक कर्मचारी का कहना है कि मल्टीप्लेक्स में अमूमन 12 घंटे की डयूटी होती है, काम की अधिकता होने पर 14 घंटे भी काम लिया जाता है और ज्यादा समय काम करने पर कर्मचारियों को ओवर टाइम दिया जाता रहा है लेकिन इस समय ओवर टाइम क्या फुल टाइम के लिए भी काम नहीं है, इसलिए आप कह सकते हैं कि कर्मचारियों की आय में भी कमी आई है।
देश भर के 240 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों ने इस समय लगभग 30 से 40 फीसदी कर्मचारियों को बाय बोल दिया है या फिर उन्हें विवाद सुलझने तक के लिए छ्टटी दे दी गई है। मल्टीप्लेक्स के अंदर फूड प्लाजा चलाने वाले भी फिल्म निर्माताओं और सिनेमा मालिकों का झगड़ा जल्द हल हो जाने के लिए दुआ कर रहे हैं क्योंकि उनका धंधा भी पूरी तरह से ठप पड़ गया है। सिनेमा हालों में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी कम पढ़े लिखे और युवा हैं।

First Published : April 27, 2009 | 10:23 AM IST