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सोशल मीडिया का दुरुपयोग तो बढ़ेगी सख्ती: रविशंकर प्रसाद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:26 AM IST

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि सोशल मीडिया मंच भारत में कारोबार करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उन्हें देश के कानूनों का सम्मान अवश्य करना चाहिए। एक दिन पहले ही बुधवार को ट्विटर से सामग्री हटाने को लेकर दोनों पक्षों में बनी गतिरोध की स्थिति की वजह से ट्विटर के दो वैश्विक अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एवं मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बातचीत के एक दिन बाद रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को यह टिप्पणी की है।
प्रसाद ने कहा, ‘हमने ट्विटर का समर्थन किया लेकिन ऐसा क्यों हैं कि जब अमेरिका के संसद भवन में हिंसा और तोडफ़ोड़ की घटना होती है और पुलिस कार्रवाई करती है तब ये माइक्रोब्लॉगिंग मंच उनका समर्थन करते हैं लेकिन जब देश के गौरव के प्रतीक लाल किले में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा होती है तब सोशल मीडिया मंच उलटा रुख अपना लेते हैं। इस तरह का दोहरा मानदंड सही नहीं है। भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रावधान है लेकिन अनुच्छेद 19 (2) में यह भी कहा गया है कि यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है। नरेंद्र मोदी किसानों का कत्लेआम कर रहे हैं ऐसे ट्रेंड करने वाले हैशटैग का क्या मतलब है? इन बातों को देखते हुए हमें सख्ती बरतनी होगी।’
पिछले दिनों अमेरिकी संसद भवन में हिंसा और यहां लाल किले में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के समय ऐसे मंचों का आचरण विरोधाभासी रहा। उन्होंने कहा कि कई सोशल मीडिया मंचों ने अमेरिका में पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया लेकिन यहां भारत में उलटा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ऐसा दोहरा मानदंड स्वीकार नहीं किया जा सकता।
वह 30 जनवरी के करीब ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैशटैग ‘मोदीप्लानिंगफार्मरजीनोसाइड’ का जिक्र कर रहे थे। इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को कुछ सामग्री हटाने और इस तरह के हैशटैग के साथ ट्वीट वाले खाते को ब्लॉक करने के लिए कहा था। भारत सरकार ने ‘जीनोसाइड’ यानी नरसंहार शब्द की वजह से कानून व्यवस्था की स्थिति बाधित होने का हवाला देते हुए ट्विटर से कुछ सामग्री हटाने के लिए कहा था।
ट्विटर ने उन सैकड़ों खातों पर कार्रवाई की जिन्होंने ट्विटर नियमों का उल्लंघन किया और जिनकी वजह से भड़काऊ माहौल बन सकता था। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बाद में ट्विटर से 1200 और खातों को बंद करने का आदेश दिया जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थकों के खाते या पाकिस्तान के समर्थन वाले खाते के तौर पर चिह्नित किया था।
सरकार ने बुधवार को कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा, ‘कानूनी आदेश किसी भी कारोबारी इकाई के लिए बाध्यकारी हैं।’ प्रसाद ने गुरुवार को यह भी कहा कि किसी भी सोशल मीडिया कंपनी के अपने नियम भारतीय कानून से ऊपर नहीं हैं।
गुरुवार को संसद में प्रसाद ने कहा, ‘आप प्रधानमंत्री से लेकर संविधान तक किसी की आलोचना कर सकते हैं क्योंकि यह हमारे संविधान का हिस्सा है। लेकिन हिंसा, फर्जी खबरों के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग होने पर इसके खिलाफ  सख्ती की जाएगी और मैं यह बात बेहद विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं।’

First Published : February 11, 2021 | 11:43 PM IST