भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल का मानना है कि भारत अत्याधुनिक 5जी तकनीक के लिहाज से अहम बाजार साबित होगा। हालांकि मित्तल ने यह भी कहा कि निवेशकों के माकूल बनने के लिए यहां दूरसंचार शुल्क दरों में इजाफा किया जाना जरूरी है। सप्ताहांत के दौरान बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में मित्तल ने कहा कि देश में मोबाइल शुल्क में तत्काल बढ़ोतरी की जरूरत है। उन्होंने आगामी 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन में दूरसंचार उद्योग की रुचि, 5जी तकनीक पर एयरटेल के रुख और दूरसंचार क्षेत्र में चीन की कंपनियों के उपकरणों पर रोक पर भी चर्चा की।
मोबाइल कॉल दरों में बढ़ोतरी पर मित्तल ने कहा, ‘यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी पर निर्भर करेगा।’ रिलायंस जियो ने 40 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के साथ कभी इस खंड की शीर्ष कंपनी भारती एयरटेल को पीछे छोड़ दिया है। मित्तल ने कहा कि इस समय देश में मोबाइल कॉल दरें काफी कम हैं, लेकिन ये ज्यादा दिनों तक इसी स्तर पर नहीं रह सकतीं। उन्होंने कहा, ‘आखिर किसी न किसी को बाजार के हालात के अनुकूल कदम उठाने होंगे।’ हालांकि मित्तल ने यह भी कहा कि दूरसंचार उद्योग एक ही बार में शुल्कों में बड़ा इजाफा करने नहीं जा रहा है।
अब तक जो संकेत मिले हैं उनके अनुसार भारती एयरटेल शुल्क दरें बढ़ाने की पहल नहीं करेगी, लेकिन इस वर्ष के शुरू में मित्तल ने ही दरें बढ़ाने की चर्चा छेड़ी थी। मित्तल के बाद वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक रवींदर टक्कर ने भी पिछले महीने कहा था कि उनकी कंपनी जरूरत पडऩे पर शुल्क बढ़ाने में हिचकिचाहट नहीं दिखाएगी।
5जी तकनीक को लेकर भारती एयरटेल के नजरिये पर मित्तल ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं कि भारत इस तकनीक में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत में सही मायने में अपनी पैठ बनाने में 5जी तकनीक को दो वर्ष लग जाएंगे।’ मित्तल ने 5जी के लिए अत्यधिक ‘आरक्षित मूल्य’ रखे जाने की दूरसंचार नियामक ट्राई की सिफारिश पर चिंता जताई। दूरसंचार उद्योग के साथ ही वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एक कार्यबल ने भी मई में आरक्षित मूल्य तार्किक स्तर पर रखने का सुझाव दिया था ताकि 5जी सेवाएं सभी को सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सकें।
मित्तल ने बातचीत के दौरान कहा, ‘5जी स्पेक्ट्रम की कीमतें इस तरह निर्धारित की जानी चाहिए जिससे दूरसंचार तंत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिले।’ उन्होंने कहा कि इस समय कीमतें जिस स्तर पर रखी गई हैं उनसे किसी का भला नहीं होगा। आगामी जनवरी से मार्च तिमाही में प्रस्तावित 4जी नीलामी पर मित्तल ने कहा कि भारती एयरटेल इसमें सीमित भागीदारी करेगी। दूसरी तरफ रिलायंस जियो इस नीलामी को लेकर उत्साहित है जबकि वोडाफोन आइडिया मोटे तौर पर दूर ही रहेगी।
दूरसंचार क्षेत्र में चीन की कंपनियों के उपक्रमों पर पाबंदी लगाने के सरकार के फैसले पर मित्तल ने कहा कि इस मामले में लिए गए किसी निर्णय का कंपनी पूरी तरह पालन करेगी। उन्होंने कहा कि अन्य दूरसंचार कंपनियों के मुकाबले एयरटेल का चीन की कंपनियों के साथ कम से कम कारोबार है।
