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IT शेयरों में तेजी की उम्मीद, दर कटौती और बेहतर आय से मिलेगा सहारा

आईटी सूचकांक में पिछले तीन सत्रों में लगातार गिरावट आई।

Last Updated- February 22, 2024 | 10:55 PM IST
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सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियां पिछले एक साल में सुधार की राह पर तेजी से बढ़ने में सफल रहीं। वर्ष 2022 में 26 प्रतिशत नुकसान के बाद निफ्टी आईटी सूचकांक 2023 में 24 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा। 2024 में यह सूचकांक 1 जनवरी से अब तक करीब 7 प्रतिशत तक चढ़ा है जबकि निफ्टी-50 सूचकांक का प्रदर्शन सपाट रहा है।

आईटी सूचकांक में पिछले तीन सत्रों में लगातार गिरावट आई। पिछले सप्ताह अमेरिका में अनुमान से ज्यादा महंगाई की वजह से इस सूचकांक पर दबाव पड़ा। मुद्रास्फीति अनुमान से ऊपर रहने से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर कटौती की संभावना को झटका लगा है।

कई वैश्विक कारोबारियों को अब फेड की पहली दर कटौती मार्च के बजाय जून में किए जाने की संभावना है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा मूल्यांकन पर आईटी शेयरों में इस साल दर कटौती से पहले तेजी की गुंजाइश बची हुई है। उनका कहना है कि इस वजह से इस क्षेत्र में 2024 के अंत तक तेजी देखी जा सकती है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग में शोध विश्लेषक निरवी अशर ने कहा, ‘दर कटौती आईटी कंपनियों के लिए सकारात्मक होगी क्योंकि उद्योग द्वारा खर्च में वृद्धि से ज्यादा ऑर्डर प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा और खासकर बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई) वर्टिकल पर इसका सकारात्मक असर दिखेगा।

नवाचार संबंधित सौदों के साथ साथ एआई, क्लाउड और स्वचालन जैसी नई प्रौद्योगिकी के लिए मांग से भी वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। मूल्यांकन न तो बहुत ज्यादा आकर्षक और न ही बढ़ा हुआ है। यह मध्यम स्तर पर है, इसलिए आप मौजूदा स्तरों पर व्यवस्थित तरीके से निवेश कर सकते हैं।’

दिसंबर तिमाही के दौरान आईटी क्षेत्र की आय बाजार अनुमान के मुकाबले बेहतर रही। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के कवरेज वाली कंपनियों ने स्थिर मुद्रा में 1 प्रतिशत की तिमाही राजस्व वृद्धि दर्ज की।

चूंकि मुख्य वर्टिकलों में कमजोरी बनी हुई है, इसलिए कंपनियों ने अपने राजस्व अनुमान घटाए हैं, लेकिन विवेकाधीन खर्च में सुधार के संकेत दिखे हैं। विश्लेषकों के अनुसार विप्रो में कंसल्टिंग जैसी कुछ परियोजनाएं सकारात्मक थीं।

आईडीबीआई कैपिटल में शोध विश्लेषक देवांग भट्ट ने एक समीक्षा रिपोर्ट में लिखा है, ‘फेड की दर कटौती की उम्मीद ग्राहक बजट में सुधार ला सकती है। हालांकि इस समय यह मुश्किल लग रहा है। इससे हमें वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में आईटी लार्जकैप के लिए 7 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की सालाना राजस्व वृद्धि और मिडकैप के लिए 14 प्रतिशत और 16 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान निर्धारित करने में मदद मिली है।’

एमओएफएसएल के विश्लेषकों को बैंकों और धातुओं के बाद वित्त वर्ष 2025 के लिए आईटी क्षेत्र में भी आय वृद्धि की संभावना लगती है। उनका कहना है, ‘वित्त वर्ष 2025 में 15 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ आईटी क्षेत्र मुख्य आय वाहकों में शामिल होगा।’ विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि सौदों के क्रियान्वयन पर दबाव के बीच जनवरी-मार्च तिमाही नरम रह सकती है, जिससे अल्पावधि कमजोरी का संकेत मिलता है।

First Published - February 22, 2024 | 10:55 PM IST

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