भारत की शीर्ष सूचना-प्रौद्योगिकी कंपनियों टाटा कंसेल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस), इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज आदि का दबदबा शेयर बाजार में बढ़ता ही जा रहा है। निफ्टी 50 मानक सूचकांक में तकनीकी कंपनियों का भारांश 18.8 प्रतिशत के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। मूल्यांकन शीर्ष स्तर पर पहुंचने के बाद भी इन कंपनियों के शेयर वृहद बाजार को प्रदर्शन के मामले में पीछे छोड़ रहे हैं। दिसंबर 2020 में निफ्टी 50 में तकनीकी कंपनियों का भारांश 15.8 प्रतिशत था। इससे पहले पहले दिसंबर 2019 में यह आंकड़ा 12.3 प्रतिशत था।
शीर्ष 5 आईटी कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण इस कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से 33.3 प्रतिशत अधिक हो गया है। इसकी तुलना में इसी अवधि में सूचकांक के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में 20.7 प्रतिशत ही तेजी आई है।
सोमवार को भी तकनीकी क्षेत्र का प्रदर्शन वृहद बाजार की तुलना में मजबूत रहा। निफ्टी 50 शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण कारोबार के दौरान 2 प्रतिशत तक फिल गया मगर तकनीकी क्षेत्र का संयुक्त बाजार पूंजीकरण मात्र 1 प्रतिशत ही कम रहा। इस तरह, बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों एवं बीमा (बीएफएसआई) के बाद आईटी क्षेत्र शेयर बाजार की दिशा तय करने वाला दूसरा सबसे प्रमुख क्षेत्र हो गया है। 33.1 प्रतिशत के साथ बीएफएसआई सबसे आगे चल रहा है। आईटी क्षेत्र परंपरागत तौर पर बाजार में अधिक रसूख रखने वाले तेल एवं गैस क्षेत्र (12.5 प्रतिशत) और एफएमसीजी क्षेत्र (10.7 प्रतिशत) से आगे हो गया है।
निफ्टी 50 सूचकांक का हिस्सा पांच आईटी कंपनियों का संयुक्त फ्री-फ्लोट (गैर-प्रवर्तकों की हिस्सेदारी) बाजार पूंजीकरण सोमवार को 13.36 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि सूचकांक का कुल फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण लगभग 71.3 लाख करोड़ रुपये रहा। सूचकांक में बदलाव और शेयर भारांश की गणना कुल बाजार पूंजीकरण के बजाय फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण के आधार पर होती है।
कुल बाजार पूंजीकरण के लिहाज से आईटी क्षेत्र का आकार काफी बड़ा हो गया है। कुल बाजार पूंजीकरण में बाजार में उपलब्ध सभी शेयर शामिल होते हैं। शीर्ष 5 तकनीकी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 29 लाख करोड़ रुपये है। यह सोमवार को दर्ज संयुक्त बाजार पूंजीकरण 131.8 लाख करोड़ रुपये का 22 प्रतिशत है।
विश्लेषकों को लगता है कि आने वाले समय में तकनीकी क्षेत्रों का रसूख और बढ़ सकता है। विश्लेषकों के अनुसार इस खंड के ज्यादातर शेयर पूरे बाजार की तुलना में मजबूत प्रदर्शन कर सकते हैं। जे एम फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा कहते हैं, ‘अधिकांश दीर्घ अवधि के निवेशक एवं संस्थागत निवेशक इन शीर्ष आईटी कंपनियों को लेकर खासे उत्साहित हैं। आईटी क्षेत्र पर गिरावट और बॉन्ड प्रतिफल बढऩे से उत्पन्न चुनौतियों का सबसे कम असर हो सकता है।’
