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Q1 Results Review: IT के Q1FY25 नतीजे में Infosys बेहतर परफॉर्मर, मगर अभी खत्म नहीं हुआ है सेक्टर का संकट

TCS, इन्फोसिस और HCL Tech अनुमानों को पीछे छोड़ने में कामयाब रही, वहीं Wipro के आंकड़े बाजार के अनुमान के मुताबिक नहीं रहे, खास तौर से राजस्व वृद्धि के मामले में।

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- July 21, 2024 | 9:39 PM IST

IT Sector Q1FY25 Results Review: देश की बड़ी IT सेवा कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे पिछले साल के मुकाबले बेहतर राजकोषीय वृद्धि का संकेत देते हैं, लेकिन प्रबंधन की टिप्पणी बताती है कि हर मोर्चे पर उद्योग को बेहतर स्थिति में आने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा।

चार अग्रणी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो में से बेंगलूरु की इन्फोसिस ने बेहतर प्रदर्शन किया है और ये चीजें पूरे साल के घोषित राजस्व अनुमान में स्पष्ट भी हुआ है।

अग्रणी कंपनियों के नतीजे का असर सेंसेक्स पर भी स्पष्ट हुआ। बेंचमार्क सूचकांकों ने 18 जुलाई को नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया और बेंचमार्क निफ्टी 25,000 के करीब है, जिसे आय को लेकर आशावाद पर सूचना प्रौद्योगिकी के शेयरों में तेजी से मजबूती मिली।

टीसीएस, इन्फोसिस और एचसीएल टेक अनुमानों को पीछे छोड़ने में कामयाब रही, वहीं विप्रो के आंकड़े बाजार के अनुमान के मुताबिक नहीं रहे, खास तौर से राजस्व वृद्धि के मामले में।

इन्फोसिस ने पूरे साल का राजस्व अनुमान संशोधित कर 3 से 4 फीसदी कर दिया जबकि कंपनी ने इसके एक से तीन फीसदी के दायरे में रहने की बात कही थी। संशोधित अनुमान में विलय-अधिग्रहण की रणनीति भी शामिल है। इन्फोसिस ने विश्लेषकों के औसत अनुमानों को पीछे छोड़ दिया क्योंकि उसने राजस्व, लाभ व मार्जिन में सुधार दर्ज किया।

चारों अग्रणी कंपनियों ने हालांकि संकेत दिया है कि वे कुछ हद तक सकारात्मकता देख सकती हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि पहली तिमाही में रही वृद्धि पूरे साल तक टिकी रह पाएगी या नहीं।

स्वविवेक वाले खर्च पर चारों अग्रणी कंपनियों की टिप्पणी एकसमान रही। इन्फोसिस के सीईओ व एमडी सलिल पारिख ने भी कहा कि इस खर्च में कोई अहम सुधार नहीं हुआ है लेकिन यह साल की शुरुआत में रहे स्तर पर रहने का अनुमान है। उन्होंने विश्लेषकों से कहा, स्वविवेक वाला खर्च साल की शुरुआत जैसा ही है, जो अभी मुश्किल स्थिति में है।

इसी तरह विप्रो के सीईओ श्रीनी पालिया ने भी वृद्धि पर अल्पावधि की राय सामने रखी। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही, पहली की शुरुआत के मुकाबले बेहतर नजर आ रही है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि स्वविवेक वाला खर्च अभी भी धीमा है।

जेनरेटिव एआई अभी तक आंकड़ों पर असर नहीं डाल पाया है। उदाहरण के लिए एक्सेंचर ने कहा कि जेनएआई सौदा 2 अरब डॉलर के पार जा चुका है, लेकिन इससे राजस्व का आंकड़ा अभी महज 50 करोड़ डॉलर ही है।

पारिख ने कहा कि वे भले ही जेनएआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसे सौदों का आकार बड़ी राजस्व परियोजना वाला नहीं है। कृत्तिवासन ने भी ऐसी ही बातें कही।

लेकिन मांग का कमजोर माहौल स्पष्ट नजर आया। उदाहरण के लिए टीसीएस व इन्फोसिस अपने भारतीय इलाकों में प्रदर्शन में थोड़ा सुधार देख रही है। टीसीएस के मामले में यह बीएसएनएल सौदा रहा और इन्फोसिस के मामले में भारतीय इलाके में राजस्व में उछाल रही। लेकिन दोनों ही फर्मों के लिए कुल राजस्व में भारत का योगदान एक छोटा हिस्सा भर है।

First Published : July 21, 2024 | 9:39 PM IST