गूगल ने एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में एक प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की, जो कुछेक डेवलपर को गूगल प्ले की बिलिंग प्रणाली के साथ एक अतिरिक्त बिलिंग प्रणाली की पेशकश करने की अनुमति प्रदान करता है।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा अपने ऐप स्टोर की भुगतान संरचना के संबंध में जांच का सामना करना पड़ रहा है। विश्व स्तर पर भी गूगल और ऐपल अपने ऐप स्टोर की कार्यप्रणाली के कारण नियामकीय गुस्से का सामना कर रहे हैं।
पिछले साल दक्षिण कोरिया ने ऐप स्टोर के परिचालकों को केवल अपनी मालिकाना बिलिंग प्रणाली का उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित करने की खातिर अपने दूरसंचार अधिनियम में संशोधन किया था। इस प्रायोगिक कार्यक्रम की घोषणा करते हुए गूगल ने इन बदलावों को स्वीकार किया है। गूगल के उत्पाद प्रबंधन के उपाध्यक्ष समीर सामत ने एक ब्लॉग में कहा है कि यह इसलिए आया है, क्योंकि इसने दक्षिण कोरिया में अतिरिक्त बिलिंग प्रणाली को अनुमति दी है और इसके सिद्धांतों के अनुरूप है। हम घोषणा कर रहे हैं कि हम अन्य चुनिंदा देशों में उपयोगकर्ता की पसंद की बिलिंग की तलाश करेंगे।
उन्होंने अपने ब्लॉग में आगे कहा है कि यह प्रायोगिक कार्यक्रम भाग लेने वाले डेवलपर की छोटी-सी संख्या को गूगल प्ले की बिलिंग प्रणाली के साथ एक अतिरिक्त बिलिंग विकल्प की पेशकश करने की अनुमति देगा और इस पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश करने की हमारी क्षमता को बनाए रखते हुए उपयोगकर्ताओं को इस विकल्प की पेशकश करने के तरीकों का पता लगाने में हमारी मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है और किसी भी प्रमुख ऐप स्टोर पर पहली शुरुआत है – चाहे वह मोबाइल हो, डेस्कटॉप हो या गेम कंसोल हो।
शुरुआत में गूगल स्पोटिफाई के साथ इस नई बिलिंग प्रणाली की साझेदारी कर रहा है। सामत ने ब्लॉग में कहा है कि स्पोटिफाई अपनी मौजूदा बिलिंग प्रणाली के साथ ही गूगल प्ले की बिलिंग प्रणाली पेश करेगी और हमारे पहले भागीदार के रूप में उनका दृष्टिकोण अमूल्य होगा।