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डेटा संरक्षण कानून से मिलेगी शोध में मदद

Last Updated- December 11, 2022 | 11:06 PM IST

इन्फोसिस के सह संस्थापक और गैर व्यक्तिगत डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर बनी विशेषज्ञों की समिति के प्रमुख कृस गोपालकृष्णन ने कहा कि डेटा संरक्षण कानून चल रहे शोधों के लिए लाभदायक होगा।
इन्फोसिस साइंस अवार्ड, 2021 की घोषणा के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘डेटा संरक्षण कानून की जरूरत की एक वजह यह है कि शोध के लिए आंकड़े उपलब्ध कराए जा सकें। सामान्यतया शोध के लिए उपलब्ध आंकड़े गोपनीय और जनसंख्या के स्तर के होते हैं। शोध के इस्तेमाल योग्य विश्वसनीय प्रारूप में आंकड़े उन जगहों पर है, जहां डेटा संरक्षण कानून लागू है और मुझे भरोसा है कि इससे मदद मिलेगी।’
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि डेटा संरक्षण विधेयक से इन आंकड़ों को उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया स्पष्ट हो सकेगी। उन्होंने कहा कि अगर आप गैर व्यक्तिगत डेटा संरक्षण की सिफारिशों के ढांचे को देखें तो इसमें शोध के लिए आंकड़े मुहैया कराने और शेयर्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रावधान किया गया है। ऐसे में मेरा मानना है कि डेटा संरक्षण कानूनों से शोध के लिए आंकड़े उपलब्ध हो सकेंगे क्योंकि लोगों की निजता की सुरक्षा हो सकेगी।

First Published - December 2, 2021 | 11:47 PM IST

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