उद्योग जगत को चिप की किल्लत से फौरन निजात मिलती नहीं दिख रही हैं। चिप मुहैया कराने वाली अग्रणी कंपनियों क्वालकॉम और इंटेल का कहना है कि चिप की कमी अगले एक से दो वर्षों तक यूं ही बनी रह सकती है। दोनों कंपनियों का कहना है कि इस दौरान मोबाइल उपकरण, आईसीई एवं बिजली से चलने वाहन, उपकरण, डेटा सेंटर को छोटे या बड़े स्तर पर चिप की कमी से जूझना पड़ सकता है।
इंटेल इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं कं म्युनिकेशंस ग्रुप के अध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) प्रकाश माल्या ने कहा, ‘काफी लंबे समय बाद चिप की इतनी मांग देखी जा रही है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सभी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं मगर मांग इतनी अधिक है कि चिप की पर्याप्त आपूर्ति मुमकिन नहीं हो पा रही है। इंटेल सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए निवेश में कोताही नहीं कर रही है मगर मांग और आपूर्ति में असंतुलन दूर करने में कम से कम एक से दो वर्ष का समय लग जाएगा। मुझे लगता है कि अगले 12 से 18 महीनों में हरेक क्षेत्र में चिप की कमी सामने आएगी। भारत में क्लाउड एवं डेटा सेंटरों सहित विभिन्न क्षेत्रों में चिप की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। हालांकि इस समस्या का कोई तत्काल समाधान नहीं सूझ रहा है। हालात सामान्य होने में एक से दो वर्षों का समय लग सकता है।’
चिप डिजाइन करने वाली कंपनी क्वालकॉम का भी यही मानना है। क्वालकॉम इंडिया के अध्यक्ष राजन वगाडिया कहते हैं, ‘सभी जानते हंै कि चिप की मांग अचानक इतनी क्यों बढ़ गई है। कोविड महामारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले चिप की मांग खासी बढ़ गई थी। फिलहाल हम अपनी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि 2022 के शुरुआती महीनों तक चिप की मांग एवं आपूर्ति में संतुलन स्थापित हो जाए। इसमें कोई शक नहीं कि वाहन कंपनियों सहित दूसरे उद्योगों के लिए चिप का इंतजार थोड़ा लंबा खिंच सकता है। इन हालात को देखते हुए उन्हें चिप के लिए अधिक मशक्कत करनी पड़ सकती है।’
भारत में सभी क्षेत्रों में चिप की कमी साफ देखी जा रही है। वाहन उद्योग पर सबसे अधिक असर हुआ है। उदाहरण के लिए फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि सितंबर में वाहनों की बिक्री पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में 5.7 प्रतिशत तक कम हो गई है।
मोबाइल फोन का उत्पादन भी चिप की कमी से प्रभावित हुआ है। रिलायंस जियो ने गूगल के साथ अपने एंड्रॉयड फोन उतारने की योजना इसी वजह से टाल दी है।
