facebookmetapixel
Upcoming IPOs: Jio, फ्लिपकार्ट, PhonePe से लेकर OYO तक; 2026 में इन बड़े नाम के आएंगे IPOMarket Outlook: नए साल से पहले बाजार की चाल तय करेंगे मैक्रो आंकड़े और वैश्विक संकेतBonus Stocks: 2025 की विदाई और 2026 की शुरुआत में निवेशकों को तोहफा, दो कंपनियां बाटेंगी बोनसStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी बंटवारा, रिकॉर्ड-डेट पर सबकी नजरयूके एफटीए से अमेरिका टैरिफ विवाद तक: 2025 में भारत की ट्रेड पॉलिसी की तस्वीरMCap: सात बड़ी कंपनियों का मार्केट कैप डूबा, SBI सबसे बड़ा नुकसान उठाने वालीIncome Tax Refund: टैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR में छूटी जानकारी या गलत दावा? अब सही करने का आखिरी अवसरZepto IPO: SEBI में गोपनीय ड्राफ्ट फाइल, ₹11,000 करोड़ जुटाने की तैयारीFake rabies vaccine row: IIL का बयान- रैबीज वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं, फर्जी बैच हटाया गयाDelhi Weather Update: स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल; कई इलाकों में AQI 400 के पार

IT में दिखेगी सुस्त रफ्तार, दो अंक की वृद्धि की उम्मीद कम

विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के दौरान नजर आएगी धीमी वृद्धि

Last Updated- October 01, 2023 | 9:58 PM IST
Companies

जुलाई से सितंबर वाली तिमाही या वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही भारतीय आईटी सेवा उद्योग के लिए हमेशा मजबूत तिमाही रहती है। हालांकि वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही धीमी रहने के आसार हैं और इसके साथ ही दो अंक की वृद्धि की उम्मीद अब वित्त वर्ष 25 की ओर खिसक रही है।

हालांकि विश्लेषकों को उम्मीद है कि रिकॉर्ड स्तर का कुल अनुबंध मूल्य (टीसीवी) होने की रफ्तार जारी रहेगी, जैसा कि पिछली दो तिमाहियों के दौरान हुआ है। वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में अधिकांश बड़ी और मिडकैप आईटी सेवा फर्मों द्वारा किए गए टीसीवी अधिक स्तर पर रहे हैं, लेकिन इससे राजस्व वृद्धि नहीं हुई है।

वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के मामले में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज को उम्मीद है कि बड़ी कंपनियों के संबंध में पिछले साल की तुलना में राजस्व वृद्धि घटकर (ऋणात्मक) 2.9 से 3.2 प्रतिशत रह जाएगी। कोटक के कवलजीत सलूजा, सतीश कुमार एस और वामशी कृष्ण ने अपनी रिपोर्ट में कहा है ‘हमें टियर 1 आईटी के लिए पिछली तिमाही की तुलना में स्थिर मुद्रा के आधार पर (ऋणात्मक) 0.6 से 0.8 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर की उम्मीद है, जो सीजनल रूप से मजबूत रहने वाली तिमाही के मामले में कमजोर है।’

इस धीमी रफ्तार के कुछ कारणों में वैकल्पिक कार्यक्रमों में मंदी, पहले से किए जा चुके सौदों के कार्यान्वयन में देरी और बीएफएसआई कार्यक्षेत्र में धीमी वृद्धि शामिल है। अधिक लागत वाले सौदों की ओर झुकाव एक्सेंचर के परिणामों में भी दिखाई दिया है, जहां उसने कहा है कि इस इजाफे की अगुआई आउटसोर्सिंग (9.8 प्रतिशत तक) और कम वैकल्पिक खर्चों के संबंध में पिछले साल के मुकाबले परामर्श में 1.6 प्रतिशत की कमी आई है।

वित्त वर्ष की पहली छमाही में धीमी वृद्धि दर्ज करने से कंपनियों के लिए पूरे वित्त वर्ष के लिए दो अंक की वृद्धि हासिल करने की संभावना ज्यादा मुश्किल हो जाएगी। टीसीएस प्रबंधन ने वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही के नतीजों के बाद ऐसी स्थिति की चेतावनी दी थी।

मुख्य परिचालन अधिकारी और कार्यकारी निदेशक एन गणपति सुब्रमण्यम ने नतीजों के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा था ‘यह देखते हुए कि अप्रैल-जून के अंत में हम कहां हैं, यह (संपूर्ण वर्ष में दो अंकों की वृद्धि) हासिल करना लंबा लक्ष्य है। लेकिन प्रबंधन के रूप में हमारा ध्यान हमेशा अवसरों पर केंद्रित रहता है, हम विकास करेंगे।’ धीमी राजस्व वृद्धि की वजह से इस तिमाही के दौरान मार्जिन में बहुप्रतीक्षित वृद्धि भी धीमी रहने के आसार हैं।

आईटी क्षेत्र की वृद्धि के संबंध में जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना है कि मार्जिन में सुधार के लिए सबसे बड़ा प्रेरक कर्मचारी के साथ-साथ उप अनुबंध लागत होनी चाहिए। उद्योग में आपूर्ति संबंधी चुनौतियों और कर्मचारियों द्वारा छोड़कर जाने की दर की वजह से ये लागत कोविड-19 से पहले के स्तर की तुलना में बहुत अधिक बढ़ गई है।

First Published - October 1, 2023 | 9:58 PM IST

संबंधित पोस्ट