देश का प्रमुख कारोबारी समूह लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) खुद को अभियांत्रिकी और बुनियादी ढांचा कंपनी बताता है मगर मुंबई की यह कंपनी अपने मुनाफे और आय मेंं वृद्घि के लिए काफी हद तक आईटी एवं तकनीकी सेवाओंं की सहायक इकाइयों एलऐंडटी इन्फोटेक, एलऐंडटी टेक्नोलॉजी और माइंडट्री पर निर्भर हो गई है।
बुनियादी ढांचा कारोबार की आय पिछले पांच साल से स्थिर बनी हुई है। इसी तरह की स्थिति हाइड्रोकार्बन कारोबार, बिजली, विकास परियोजना, भारी अभियांत्रिकी और वित्तीय सेवाओंं के कारोबार की भी है। हाल के वर्षों में समूह का रक्षा अभियांत्रिकी कारोबार बढ़ा है लेकिन एलऐंडटी की कुल आय में इसका योगदान महज 2.4 फीसदी है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की आईटी एवं तकनीकी क्षेत्र की सहायक इकाइयों का समूह के कुल कर पूर्व मुनाफे में 45.3 फीसदी योगदान रहा, जो पिछले वित्त वर्ष में 33.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2018 में 17.4 फीसदी रहा था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही मेंं आईटी सेगमेंट का लाभ 39.2 फीसदी बढ़कर 2,918.5 करोड़ रुपये रहा। दूसरी ओर बुनियादी ढांचा कारोबार का मुनाफा 1,528.6 करोड़ रुपये और अन्य कारोबार का मुनाफा 1,992.7 करोड़ रुपये रहा।
दिलचस्प है कि वित्त वर्ष 2017 से एलऐंडटी समूह के संचयी मुनाफे में कुल वृद्घि मुख्य रूप से आईटी एवं तकनीक कारोबार की वजह से ही आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में गैर-आईटी सेगमेंट का कर पूर्व मुनाफा 3,521 करोड़ रुपये रहा, जो इस सेगमेंट में एक दशक मेंं सबसे कम है।
एलऐंडटी का मुख्य कारोबार बुनियादी ढांचा सेगमेंट का मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एक-तिहाई और वित्त वर्ष 2021 में 31.3 फीसदी और वित्त वर्ष 2017 मेंं करीब 50 फीसदी घटा है।
हाइड्रोकार्बन परियोजना, भारी अभियांत्रिकी, बिजली, विकास परियोजना और रक्षा अभियांत्रिकी एवं वित्तीय सेवाओं का योगदान एलऐंडटी के कुल कर पूर्व मुनाफे में 30.9 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2021 से 35.2 फीसदी और वित्त वर्ष 2019 से 46.1 फीसदी कम है।