बीएसई में सूचीबद्ध कमर्शियल वाहन निर्माता एसएमएल इसूजु (SML Isuzu) की प्रोमोटर इसूजु मोटर्स (Isuzu Motors) जापान इस कंपनी की 44 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। कम लाभ वाले कारोबारों से बाहर निकलने की व्यापक रणनीति के तहत कंपनी यह कदम उठा रही है।
विगत में स्वराज माजदा के नाम से मशहूर कंपनी की बिक्री वित्त वर्ष 23 में 1,822 करोड़ रुपये रही और यह 19.8 करोड़ रुपये के साथ लाभ में लौटी। जापानी फर्म जेबीएम ऑटो समेत कई अन्य संभावित निवेशकों के साथ हिस्सेदारी बिक्री पर बातचीत कर रही है। शुक्रवार को मीडिया की खबरों में ये बातें कही गई है।
इस संबंध में जानकारी के लिए इसूजु मोटर को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। जेबीएम ऑटो ने भी बिजनेस स्टैंडर्ड के ईमेल का जवाब नहीं दिया।
बैंकरों ने कहा कि शुक्रवार को कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण 1,670 करोड़ रुपये रहा, ऐसे में इसूजु की हिस्सेदारी की कीमत करीब 734 करोड़ रुपये बैठती है।
एक बैंकर ने कहा, भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में कंपनी की कम बाजार हिस्सेदारी को देखते हुए जापानी कंपनी को अपनी हिस्सेदारी पर कोई प्रीमियम नहीं मिलेगा। इस लेनदेन पर मौजूदा बाजार भाव पर ही हस्ताक्षर हो सकते हैं।
भारतीय वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र की मांग मई में सालाना आधार पर सुस्त बनी रही क्योंकि ग्राहक वाणिज्यिक वाहनों की खरीद नहीं कर रहे हैं। कोटक के विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक, सुस्त मांग की प्रवृत्ति के चलते वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र का वॉल्यूम सालाना आधार पर घटकर एक अंक में आ गया।
टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहनों का वॉल्यूम 12 फीसदी घटा, जिसकी मुख्य वजह हल्के वाणिज्यिक वाहनों में सालाना आधार पर 38 फीसदी की गिरावट और एससीवी कार्गो व पिकअप सेगमेंट में 19 फीसदी की नरमी है। इसकी आंशिक भरपाई हालांकि मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में 11 फीसदी की बढ़ोतरी व यात्री कैरियर सेगमेंट में 7 फीसदी की बढ़ोतरी से हुई।
अन्य अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता अशोक लीलैंड ने हल्के वाणिज्यिक वाहनों में सालाना आधार पर 9 फीसदी की गिरावट व मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहनों में 4 फीसदी के सुधार के दम पर मई 2023 में वॉल्यूम में एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की।