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भारतीय चाय उद्योग की चिंताएं कम उत्पादन के साथ गिरते दाम से बढ़ गई हैं। नामचीन निकाय भारतीय चाय संघ (आईटीए) ने गुरुवार को बताया कि असम की ब्रह्मपुत्र घाटी और पश्चिम बंगाल में बढ़ते तापमान और अपर्याप्त बारिश के कारण उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके अलावा अप्रैल के पूरे महीने में असम की बराक घाटी के कई चाय बागानों में तेज हवा के साथ बारिश और ओले पड़ने से क्षेत्र में दूसरे सत्र के उत्पादन और कुल उत्पादन घटने की चिंताएं हैं।
संघ ने टी बोर्ड के आंकड़ों के हवाले से कहा कि जनवरी – मार्च 2024 के दौरान उत्तर भारत में चाय का उत्पादन 2.1 करोड़ किलोग्राम और पूरे देश में उत्पादन 1.3 करोड़ किलोग्राम से अधिक गिरा है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार दक्षिण भारत में जनवरी से मार्च की अवधि में चाय का उत्पादन बढ़ा। गिरते उत्पादन के साथ चाय के दाम गिरने के रुझानों ने स्थिति और खराब कर दी।
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आईटीए ने टी बोर्ड के आंकड़ों का हवाला देकर बताया कि जनवरी से मार्च की अवधि के दौरान भारत के सभी नीलामी केंद्रों में चाय के दाम गिरने का रुझान है। इससे चाय के उत्पादकों पर वित्तीय दबाव बढ़ गया है। जनवरी से मार्च 2024 के दौरान चाय का नीलामी मूल्य 128.12 रुपये प्रति किलोग्राम था।