JSW Steel chairman Sajjan Jindal
अरबपति उद्योगपति सज्जन जिंदल ने अमेरिकी टैरिफ की वजह से उपजी अनिश्चितता के मद्देनजर भारतीय इस्पात की प्रतिस्पर्धी क्षमता सुनिश्चित करने के लिए ‘दीर्घकालिक समाधान’ की अपील की है। जेएसडब्ल्यू स्टील की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को दिए अपने संदेश में जिंदल ने कहा, ‘हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। यह बदलाव उभरते वैश्विक राजनीतिक और नीतिगत परिदृश्य से आकार ले रहा है। हालांकि भारत परिवर्तनकारी बढ़ोतरी की राह पर है जिससे इस्पात की अच्छी मांग को बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन इस्पात उद्योग को कमजोर वैश्विक मांग और चीन के रिकॉर्ड इस्पात निर्यात के कारण चुनौतीपूर्ण माहौल का सामना करना पड़ रहा है। लौह अयस्क की लागत भी अपेक्षाकृत अधिक बनी हुई है।’
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कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने बताया कि अमेरिकी टैरिफ से उपजी अनिश्चितताओं ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता पैदा कर दी है। उन्होंने कहा, ‘व्यापार बाधाएं बढ़ रही हैं, विभिन्न देश अपने इस्पात उद्योगों को अनुचित आयात से बचाने के लिए या तो उपाय लागू कर रहे हैं या कार्रवाई शुरू कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इससे वैश्विक व्यापार के प्रवाह में बदलाव आ रहा है और अधिशेष इस्पात भारत में आ रहा है। इससे भारतीय इस्पात कंपनियों के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। भारत ने व्यापार उपाय महानिदेशालय (डीजीटीआर) की शुरुआती जांच के आधार पर 200 दिन के लिए कुछ इस्पात उत्पादों पर 12 प्रतिशत का सुरक्षा शुल्क लगाया है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय इस्पात की प्रतिस्पर्धी क्षमता सुनिश्चित करने, बराबरी के अवसर प्रदान करने और भारतीय इस्पात विनिर्माताओं को निवेश पर उचित लाभ कमाने की अनुमति देने के लिए दीर्घकालिक समाधान महत्त्वपूर्ण हैं।
यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब प्रमुख भारतीय इस्पात उत्पादक अपनी क्षमता का तेजी से विस्तार कर रहे हैं। जेएसब्ल्यू स्टील ने सितंबर 2027 तक भारत में सालाना 4.2 करोड़ टन की इस्पात निर्माण क्षमता हासिल करने के अपने लक्ष्य का के लिए अगले तीन वर्ष में 62,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी की घरेलू स्थापित क्षमता सालाना 3.42 करोड़ टन है और इसे वित्त वर्ष 31 तक सालाना पांच करोड़ टन तक करने की योजना है। टाटा स्टील और टाटा समूह के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने हाल ही में स्टील क्षेत्र की दिग्गज की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा कि चीन तकरीबन 10 करोड़ टन स्टील का निर्यात जारी रखे हुए है।