एफएमसीजी

ग्रामीण मांग से मिली रफ्तार, FMCG कंपनियों को दिखी बिक्री में मजबूती

डाबर इंडिया ने अपने अपडेट में कहा, ‘तिमाही के दौरान भारतीय एफएमसीजी क्षेत्र की मांग में तिमाही आधार पर सुधार देखा गया, जिसमें वॉल्यूम वृद्धि बढ़ी है, खास तौर पर शहरी बाजारों म

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शार्लीन डिसूजा   
Last Updated- July 05, 2025 | 10:39 AM IST

दैनिक उपभोक्ता वस्तुएं (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों ने अपने परिणामों से पहले त्रैमासिक अपडेट में निवेशकों को बताया है कि उन्होंने वॉल्यूम में पिछली तिमाही के मुकाबले वृद्धि और ग्रामीण मांग में लगातार सुधार दिखा है। हालांकि एडब्ल्यूएल एग्री बिजनेस (जिसे पहले अदाणी विल्मर के नाम से जाना जाता था) ने अपने अपडेट में बताया है कि चावल के अपने परिचालन की रणनीतिक मजबूती के अलावा उसने तिमाही के दौरान कमजोर उपभोक्ता मांग देखी है।

डाबर इंडिया ने अपने अपडेट में कहा, ‘तिमाही के दौरान भारतीय एफएमसीजी क्षेत्र की मांग में तिमाही आधार पर सुधार देखा गया, जिसमें वॉल्यूम वृद्धि बढ़ी है, खास तौर पर शहरी बाजारों में।’ गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी कहा कि एकल आधार पर उसकी वॉल्यूम वृद्धि दमदार रूप से प्रतिस्पर्धी रही है और पिछली तिमाही के मुकाबले सुधार हो रहा है। इसने यह भी कहा कि एक अंक में ऊंचे स्तर वाली अंतर्निहित वॉल्यूम वृद्धि की बदौलत उसकी समेकित राजस्व वृद्धि दो अंकों में रहने की उम्मीद है।

मैरिको ने अपने अपडेट में निवेशकों को सूचित किया कि भारत के कारोबार में उसकी अंतर्निहित वॉल्यूम वृद्धि तिमाही आधार पर लगातार सुधरते हुए कई तिमाहियों के अधिक स्तर पर पहुंच गई, जो मुख्य फ्रैंचाइजी में सकारात्मक रुझानों और नए कारोबारों के स्तर में लगातार इजाफे से प्रेरित है।
इस क्षेत्र में समूची मांग के संबंध में बात करते हुए मैरिको ने कहा, ‘इस क्षेत्र ने मांग के निरंतर स्वरूप को प्रदर्शित किया है, जिसमें ग्रामीण बाजारों में सुधार और शहरी मनोबल स्थिर रहा। हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में महंगाई घटने, अनुकूल मॉननसून सीजन और नीतिगत प्रोत्साहन के समर्थन से लगातार सुधार होगा।’

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने अपने अपडेट में यह भी कहा कि उसे वित्त वर्ष 26 में तिमाही आधार पर प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है। कंपनी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 26 में हम एकल आधार पर कारोबार में एक अंक में मध्य-उच्च स्तर की अंतर्निहित वॉल्यूम वृद्धि, रुपये में एक अंक की उच्च स्तरीय राजस्व वृद्धि और समूचे वर्ष के लिए दो अंकों की समेकित एबिटा वृद्धि की राह पर हैं। इसने यह भी कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में इसका एकल आधार पर एबिटा मार्जिन उसके सामान्य दायरे से नीचे रहने के आसार हैं, लेकिन इसमें सुधार होने की उम्मीद है।

डाबर इंडिया ने भी अपने परिणामों से पहले निवेशकों को यह भी सूचित किया कि पेय पदार्थों में गिरावट के कारण डाबर का समेकित राजस्व एक अंक में निचले स्तर पर बढ़ने की उम्मीद है और उसकी समेकित परिचालन लाभ वृद्धि, राजस्व वृद्धि से मामूली रूप से पिछड़ने के आसार हैं। अप्रैल-जून तिमाही में आम तौर पर गर्मी के उत्पादों की अधिक मांग नजर आती है, लेकिन इस साल इस पर असर पड़ा है, क्योंकि मॉनसून के जल्दी आने के कारण सीजन प्रभावित हुआ था।

First Published : July 5, 2025 | 10:39 AM IST