G-20 व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक में एक परिणामी दस्तावेज को स्वीकृत किया गया। बैठक में सभी पक्ष वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के मकसद से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम के एकीकरण, दस्तावेजों के डिजिटलीकरण बढ़ाने समेत अन्य बातों पर सहमत हुए। हालांकि, रूस-यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर कुछ सदस्य देशों के बीच मतभेद के कारण बैठक बिना किसी संयुक्त बयान के संपन्न हुई।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि गोयल ने कहा कि हालांकि 17 पेज के दस्तावेज में केवल एक पैरा ऐसा है, जहां ”स्पष्ट कारणों से आम सहमति नहीं बन सकी।” मंत्री ने यहां दो दिवसीय बैठक के समापन के बाद कहा कि दस्तावेज में कई नयी बातें हैं।
परिणामी दस्तावेज में WTO सुधारों, भविष्य के लिए तैयार वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और डिजिटलीकरण के बारे में सुझाव दिए गए हैं।
मंत्रियों ने संयुक्त रूप से G20 नेताओं के लिए कुछ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की सिफारिश की है। G20 के शीर्ष नेता 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में मिलेंगे। इन सिफारिशों का मकसद अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में लचीलापन लाना, वैश्विक व्यापार में MSME के एकीकरण को बढ़ावा देना और WTO सुधारों को आगे बढ़ाना है।
परिणामी दस्तावेज में उन सूचना कमियों को दूर करने का आह्वान किया गया, जिनका सामना MSME को करना पड़ता है।
दस्तावेज में कहा गया कि इसके लिए MSME को आसानी से व्यापार और बाजार से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठाने पर सहमति बनी। इस समय ग्लोबल ट्रेड हेल्पडेस्क, ट्रेड4एमएसएमई और सरकार प्रायोजित मंच जैसे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पोर्टल हैं, जो MSME को व्यापार से संबंधित जानकारी देते हैं। इन पोर्टल की क्षमता को बढ़ाने पर भी सहमति बनी।