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विज्ञापन उद्योग में कार्टेलाइजेशन पर CCI की नजर: लोकसभा में बोलीं सीतारमण- 5 सालों में 35 कार्टेल मामलों की जांच

CCI अभी विज्ञापन उद्योग में कार्टेलाइजेशन के आरोपों की जांच कर रहा है और पिछले हफ्ते कई कंपनियों पर छापेमारी की है ताकि सबूत जुटाए जा सकें।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- March 24, 2025 | 5:05 PM IST

Cartel Investigation: पिछले पांच सालों में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 35 कार्टेल मामलों की जांच की है। ये मामले स्वास्थ्य, रेलवे, वित्तीय सेवाओं, लोहा और इस्पात जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं। यह जानकारी वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी। इनमें से लगभग आधे मामले विविध श्रेणी में थे। कुल 35 मामलों में से 21 कार्टेल मामले पिछले तीन वित्तीय वर्षों (FY22 से FY25) में डायरेक्टर जनरल के कार्यालय को जांच के लिए भेजे गए।

11 मामलों की जांच रिपोर्ट आयोग को मिल चुकी है, जबकि 10 मामले अभी जांच के अधीन हैं। केवल एक मामले में अंतिम आदेश जारी हुआ है, बाकी 10 मामले एंटीट्रस्ट नियामक के पास विचार के लिए हैं।

CCI अभी विज्ञापन उद्योग में कार्टेलाइजेशन के आरोपों की जांच कर रहा है और पिछले हफ्ते कई कंपनियों पर छापेमारी की है ताकि सबूत जुटाए जा सकें।

प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2023 ने “लेसर पेनल्टी प्लस” मैकेनिज्म की शुरुआत की है। यह मैकेनिज्म कार्टेल के बारे में जानकारी देने के लिए प्रोत्साहन देता है। इसका मकसद यह है कि कोई मौजूदा लेसर पेनल्टी आवेदक किसी अन्य कार्टेल के बारे में पूरी और महत्वपूर्ण जानकारी दे, जो CCI को पहले से पता न हो।

कार्टेल जांच के दायरे को बढ़ाने के लिए हब-एंड-स्पोक मैकेनिज्म भी शुरू किया गया है। इसके तहत, कोई कंपनी जो समान या एक जैसा व्यापार नहीं करती, उसे भी समझौते का हिस्सा माना जाएगा, अगर वह ऐसे समझौते को बढ़ावा देती है या उसमें हिस्सा लेने का इरादा रखती है जो कार्टेलाइजेशन को प्रोत्साहित करता हो।

First Published : March 24, 2025 | 5:03 PM IST