एमिरेट्स, एतिहाद और कतर एयरवेज की भारत से जुड़ी उड़ानों में सफर करने वाले यात्रियों के एक बड़े हिस्से (70 प्रतिशत से ज्यादा) ने इस साल फरवरी में भारत और अन्य देशों के बीच यात्रा करने के लिए दुबई, अबू धाबी और दोहा में इन विमानन कंपनियों के हब (केंद्रों) का यात्रा में पड़ाव के रूप में इस्तेमाल किया। विमानन क्षेत्र का विश्लेषण करने वाली कंपनी सिरियम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
‘सिक्स्थ फ्रीडम’ यातायात के बड़े हिस्से, जो भारत को शामिल करते हुए दो अन्य देशों के बीच यात्रा करने के लिए विमानन कंपनी के घरेलू हब का उपयोग करने वाले यात्रियों के बारे में बताता है, ने भारत सरकार के भीतर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
अधिकारियों का मानना है कि यात्रियों की इस गतिविधि से एयर इंडिया जैसी घरेलू विमानन कंपनी के लंबी दूरी और अत्यधिक लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय परिचालन की वृद्धि में बाधा पड़ती है। नतीजतन भारत सरकार ने हाल के वर्षों में खाड़ी के इन तीन केंद्रों पर द्विपक्षीय यातायात अधिकार बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
सरकारी अधिकारियों ने इस अखबार को बताया कि भारत ने साल 2023 और 2024 में कई बैठकों के दौरान इन तीन विमानन कंपनियों के देशों संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर की सरकारों को सिक्स्थ फ्रीडम यातायात के अधिक अनुपात के बारे में अपनी आशंकाओं से अवगत कराया है।
खाड़ी की इन तीन विमानन कंपनियों द्वारा संचालित की जाने वाली भारत से जुड़ी उड़ानों में सिक्स्थ फ्रीडम यातायात का कुल हिस्सा इस साल फरवरी में 70.8 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल के इसी महीने में दर्ज 68.5 प्रतिशत से अधिक है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने तीनों विमानन कंपनियों – एमिरेट्स, एतिहाद और कतर एयरवेज तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय सवाल भेजे लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया। कतर और यूएई ने भारत से द्विपक्षीय हवाई यातायात अधिकारों में वृद्धि के लिए कहा है क्योंकि उनकी विमानन कंपनियां पहले ही अपने कोटे का इस्तेमाल कर चुकी हैं।
मसलन भारत-दुबई मार्गों के लिए साल 2014 में भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच किए गए द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते के तहत प्रत्येक देश की विमानन कंपनी प्रति सप्ताह 66,504 यात्रियों वाली उड़ानें भर सकती हैं। अमीरात ने द्विपक्षीय अधिकारों का अपना संपूर्ण आवंटन खपा लिया है, जो वर्तमान में भारत और अपने दुबई हब के बीच 334 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती है।
पिछले साल मार्च में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि भारत खाड़ी देशों के साथ द्विपक्षीय हवाई यातायात कोटा बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है, बल्कि भारतीय विमानन कंपनियों को बड़े विमानों पर बिना रुके लंबी दूरी की उड़ानों की पेशकश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। जनवरी में उन्होंने भारत के साथ महत्वपूर्ण ‘पॉइंट-टु-पॉइंट’ यातायात वाले देशों को और अधिक द्विपक्षीय अधिकार देने में भारत की दिलचस्पी जताते हुए इस बात को दोहराया था।
एमिरेट्स और कतर एयरवेज जैसी विमानन कंपनियों के बढ़ते बेड़े के विपरीत भारत का वाइड बॉडी विमान बेड़ा पिछले 15 वर्षों के दौरान स्थिर हो गया है। भारतीय विमानन कंपनियां वर्तमान में वाइड बॉडी वाले केवल 67 विमानों का संचालन करती हैं जो उनके कुल बेड़े का 10 प्रतिशत से भी कम है। इसकी तुलना में एमिरेट्स और कतर एयरवेज क्रमशः 260 और 216 वाइड बॉडी विमानों का संचालन करती हैं।