इंटरग्लोब एविएशन ने दिसंबर तक क्यूआईपी योजना टाल दी है और नकदी के लिए कर्ज जुटाने पर विचार करेगी। विमानन कंपनी के प्रबंधन ने नतीजे की घोषणा के बाद यह जानकारी दी। कंपनी का शुद्ध नुकसान दूसरी तिमाही में बढ़कर 1,194 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,062 करोड़ रुपये रहा था।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन करने वाली इंटरग्लोब एविएशन का राजस्व सालाना आधार पर 64.5 फीसदी घटकर 3,029 करोड़ रुपये रह गया। सालाना आधार पर 37 फीसदी कम क्षमता का इस्तेमाल हुआ और पिछले साल की समान अवधि के 83 फीसदी के मुकाबले 65 फीसदी सीटें ही भरी रही। प्रतिफल हालांकि बढ़ा, जिसकी वजह क्षमता पर लगी पाबंदी और मांग में क्रमिक सुधार व चार्टर विमानों का परिचालन है।
कंपनी का प्रदर्शन ब्लूमबर्ग के अनुमान से बेहतर रहा, जिसने 1,600 करोड़ रुपये के समायोजित शुद्ध नुकसान का अनुमान जताया था। विमानन कंपनी ने अगस्त में 4,000 करोड़ रुपये के क्यूआईपी की घोषणा की थी, जिसे अब दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया है। मुख्य वित्त अधिकारी आदित्य पांडे ने कहा कि कंपनी की नकदी की स्थिति ठीक है क्योंंकि उसने पिछली तिमाही में परिसंपत्ति के मुद्रीकरण से 1,800 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
मुख्य कार्याधिकारी आर दत्ता ने कहा कि कंपनी का परिचालन अभी 60 फीसदी से भी कम क्षमता पर हो रहा है और उम्मीद है कि सरकार कंपनियों को साल के आखिर तक 80 फीसदी क्षमता तक के परिचालन की अनुमति देगी। दत्त्ता ने कहा कि बेड़े में विमान जोडऩे की योजना स्थिर बनी हुई है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का लाभ 127 फीसदी बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में दोगुने से ज्यादा बढ़कर 1,679 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसकी वजह कम प्रावधान और शुद्ध ब्याज आय में स्थिरता रही। पिछले साल की समान अवधि में बैंक ने 737 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया था जबकि पिछली तिमाही में 864 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान। बैंंक की शुद्ध ब्याज आय 7 फीसदी बढ़कर 7,508 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 7,028 करोड़ रुपये रही थी। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 2.96 फीसदी रहा, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 33 आधार अंक ज्यादा है। बैंंक का शेयर आज बीएसई पर 2.02 फीसदी चढ़कर 42.90 रुपये पर बंद हुआ। सितंबर तिमाही में बैंक का प्रावधान 29 फीसदी घटकर 3,002 करोड़ रुपये रह गया। एनपीए के लिए प्रावधान क्रमिक व सालाना आधार पर घटा। कोविड के लिए प्रावधान 1,728 करोड़ रुपये रहा। सकल एनपीए 9.14 फीसदी रहा। शुद्ध एनपीए भी घटकर 2.51 फीसदी रह गया।
बीपीसीएल का मुनाफा 58 फीसदी बढ़ा
सरकार-संचालित रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) का समेकित शुद्घ लाभ 58 प्रतिशत बढ़कर 2,589.52 करोड़ रुपये रहा। कंपनी को कम खर्च (मैटेरियल एवं वित्त लागत समेत) की वजह से काफी हद तक मदद मिली। कंपनी को मार्च तिमाही में डीजल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की सालाना आधार पर वृद्घि की उम्मीद है। बीपीसीएल के शुद्घ लाभ में 58 प्रतिशत की वृद्घि को कुल खर्च में 16 प्रतिशत की कमी आने से मदद मिली। कंपनी के लिए वित्त लागत में 86 प्रतिशत की कमी आई। कंपनी के लिए सकल रिफाइनिंग मार्जिन बढ़कर 5.8 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
टीवीएस मोटर को हुआ 196.41 करोड़ का लाभ
टीवीएस मोटर ने सितंबर 2020 की तिमाही में 196.41 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, जो एक साल पहले 255.01 करोड़ रुपये था। कंपनी ने 2020-21 की दूसरी तिमाही में 4,617 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो 2019-20 की समान तिमाही में दर्ज किए गए 4,353 करोड़ रुपये के मुकाबले 6 प्रतिशत की वृद्घि है।
मारुति सुजूकी का लाभ दो फीसदी बढ़ा
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.04 फीसदी बढ़कर 1,419.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसका कारण बिक्री में वृद्धि है। कंपनी को साल भर पहले की समान तिमाही में 1,391.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इस दौरान परिचालन से प्राप्त राजस्व 10.34 फीसदी बढ़कर 18,755.6 करोड़ रुपये हो गया। यह साल भर पहले 16,997.9 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने कहा कि मांग में कुछ सुधार होने तथा आपूर्ति के क्रमिक तौर पर बेहतर होने से दूसरी तिमाही में प्रदर्शन में सुधार हुआ है। कंपनी के कारखानों में उत्पादन बढ़ा है और आपूर्ति श्रृंखला धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। इस दौरान एकल आधार पर उसका शुद्ध लाभ साल भर पहले की समान अवधि के 1,358.6 करोड़ रुपये से एक फीसदी बढ़कर 1,371.6 करोड़ रुपये हो गया। उसकी शुद्ध बिक्री साल भर पहले की तुलना में 9.7 फीसदी बढ़कर 17,689.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। एजेंसियां