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भारतीय चाय संघ ने चाय की पत्ती के लिए क्वालिटी रेटिंग का दिया सुझाव

टी रिसर्च एसोसिएशन (टीआरए) ने अपने हालिया शोध में प्रसंस्कृत सीटीसी चाय की गुणवत्ता पर पत्ती की परिपक्वता के प्रभाव का आकलन किया है।

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ईशिता आयान दत्त   
Last Updated- November 08, 2024 | 10:40 PM IST

भारतीय चाय संघ (ITA) उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए एक से लेकर पांच पत्तियों वाली पहचान की वैज्ञानिक गुणवत्ता ग्रेडिंग प्रणाली शुरू करने पर विचार कर रहा है।

आईटीए के चेयरमैन हेमंत बांगड़ ने एसोसिएशन की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि टी रिसर्च एसोसिएशन (टीआरए) ने अपने हालिया शोध में प्रसंस्कृत सीटीसी चाय की गुणवत्ता पर पत्ती की परिपक्वता के प्रभाव का आकलन किया है। इसके अनुसार जैसे-जैसे पत्तियां परिपक्व होती हैं, एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि कम हो जाती है।

उन्होंने बताया, ‘यह गुणवत्तापूर्ण बेंचमार्किंग कोड और गुणवत्ता मानदंडों को फिर से परिभाषित करने के द्वार खोलता है। समग्र शोध उपभोक्ताओं को विभिन्न किस्म की चाय की गुणवत्ता में अंतर करने की जानकारी दे सकता है। यह उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य संबंधित लाभ के अलावा एक से लेकर पांच पत्तियों की पहचान वाली वैधानिक वैज्ञानिक गुणवत्ता ग्रेडिंग प्रणाली में सक्षम बना सकता है।’

बांगड़ ने बैठक के इतर बताया कि जब दो पत्तियों और एक कली से चाय बनाई जाती है तो इसमें एंटीऑक्सीडेंट की अधिकतम मात्रा होती है। यह मात्रा तीन पत्तियों और अधिक कोपल से बनाए जाने पर कम हो जाती है।

बांगड़ ने कहा, ‘हालांकि उपभोक्ता को यह नहीं मालूम होता है कि गुणवत्ता समान नहीं है और उसे सूचनाओं पर आधारित अधिक विकल्प मुहैया कराए जाने चाहिए।’ चाय में करीब 75 से 80 फीसदी खपत पैकेज यानी पैकेट वाले चायपत्ती की तरफ स्थानांतरित हो गई है।

बांगड़ ने कहा, ‘हमें टी बाेर्ड, टीआरए और बाहरी विशेषज्ञों की समिति बनाने की जरूरत है ताकि वे बाजार में उपलब्ध हर किस्म का वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण कर सकें और उसे रेटिंग दें।’ आईटीए चेयरमैन को भरोसा है कि इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। और ग्राहकों का भरोसा बेहतर होगा।

First Published : November 8, 2024 | 10:37 PM IST