प्रीमियम कार निर्माता बीएमडब्ल्यू को कलपुर्जे बनाने वाली भारतीय कंपनियां भा रही हैं। भारत में अपनी मिनी कार उतारने की तैयारी कर रही बीएमडब्ल्यू अब इन कंपनियों से बड़ी तादाद में कलपुर्जे खरीदने पर विचार कर रही है।
बीएमडब्ल्यू के खरीद एवं आपूर्तिकर्ता नेटवर्क के डॉ. इंड हरबर्ट डीज के मुताबिक भारत के कलपुर्जों का स्तर काफी अच्छा है। उन्होंने कहा, ‘ हम जो डाई सांचे और दूसरे हिस्से भारत की कंपनियों से ही मंगा रहे हैं, वे वाकई उदा हैं। हम उनकी गुणवत्ता से काफी खुश हैं। उनका इस्तेमाल हम दुनिया भर की अपनी कारों में कर रहे हैं। यही वजह है कि हम भारत में अपने वेंडर यानी कलपुर्जों की आपूर्ति करने वालों का दायरा बढ़ा रहे हैं। यह काम पूरा होते ही हम अपनी कारों के लिए वहीं से इंजन और शैसि आउटसोर्स करने लगेंगे।’
फिलहाल जर्मनी की यह कंपनी अपनी मोटरबाइक के लिए हैंडल और तमाम डाई सांचे भारत से ही मंगाती है। यह काम गुड़गांव में उसका अंतरराष्ट्रीय खरीद दतर करता है। इसके अलावा वह कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे माइको, बॉश और काँटी इंडिया से भी सॉटवेयर वगैरह खरीदती है।
भारतीय कलपुर्जों के अलावा वहां के कार बाजार में भी बीएमडब्ल्यू को खासी चमक दिख रही है। कंपनी यहां अगले साल के अंत तक अपनी छोटी कार ‘मिनी’ उतारने का फैसला कर चुकी है। इस शृंखला के तहत वह मिनी, मिनी कन्वर्टिबल और मिनी क्लबमैन भारत में उतारेगी। इनके लिए इंजन दूसरी कार कंपनी फिएट बनाएगी। इसकी कीमत 25 से 30 लाख रुपये के बीच होगी।
बीएमडब्ल्यू अनुसंधान एवं विकास की गतिविधियों पर भी काफी ध्यान लगा रही है। पर्यावरण के अनुकूल कार बनाने की अपनी मुहिम के तहत उसकी नजर बैटरी से चलने वाली कार पर लगी है। इस बारे में जल्द ही आखिरी फैसला लिया जाना है।
इसके अलावा कंपनी हाइड्रोजन की ताकत से चलने वाली कार भी तैयार कर रही है। इस कार का परीक्षण किया जा रहा है। बीएमडबल्यू समूह की प्रवक्ता डॉ. वेरना शूलर इसका जिक्र करते हुए कहती हैं, ‘हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। यूरोप में अभी हाइड्रोजन के ज्यादा ईंधन केंद्र नहीं हैं। इसी वजह से हम लाख चाहने के बावजूद व्यावसायिक स्तर पर इसका उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं।’