क्या मुंबई से दिल्ली की विमान यात्रा मात्र आधे घंटे या दुबई से लंदन की यात्रा महज 5 घंटे में पूरी हो सकती है? जी हां, तो एरियन कॉरपोरेशन के सुपरसोनिक बिजनेस जेट से यह संभव है।
इन विमानों की तेज गति से आपको निराश नहीं होना पड़ेगा। इन जेट विमानों की गति 1.15 मैक और 1.6 मैक है। इस एयरक्राफ्ट की सीट क्षमता 8 से 12 यात्रियों की है।
अब आप इसकी कीमत के बारे में अंदाजा लगाना चाहेंगे। इसकी कीमत करीब 320 करोड़ रुपये है।
यह कीमत वर्तमान बिजनेस जेट या बी-जेट विमानों से लगभग 40 करोड़ रुपये अधिक है।
वैसे यह भारतीय कारोबार के लिए प्रतिस्पर्धी नहीं है। भारत ने भी एरियन कॉरपोरेशन नामक कंपनी के साथ पांच जेट विमानों के लिए सौदा किया है।
नेवाडा की कंपनी एरियन कॉरपोरेशन का मुख्यालय स्विटजरलैंड के ज्यूरिख में है। इस कंपनी ने इन विमानों के डिजाइन और सुपरसोनिक बी-जेट की क्षमता पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया है।
विमानन समूह एग्जीक्यूजेट के कार्यकारी निदेशक पीटर स्मैल्स ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि अगले तीन महीनों में भारतीय कॉरपोरेट जगत से तीन और ऑर्डर मिलेंगे।
इसके साथ ही भारतीय कॉरपोरेट से प्राप्त ऑर्डरों की संख्या 8 हो जाएगी। 40 करोड़ रुपये की इसकी प्रथम शृंखला 2009 में आएगी। हम वैश्विक विमान बाजारों में से एक भारत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
हम अगले तीन से चार सप्ताहों के अंदर एक भारतीय भागीदार के साथ संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की संभावना तलाश रहे हैं।”
विमानन समूह एग्जीक्यूजेट का मुख्यालय ज्यूरिख में है जो एरियन सुपरसोनिक बिजनेस जेट के लिए विश्वव्यापी विक्रय प्रतिनिधि है।
एरियन द्वारा बी-जेट का तैयार किया गया डिजाइन बेहद महत्वपूर्ण है।
बी-जेट सबसोनिक स्थिति (मैक 1.0 गति के तहत) में भी टिकाऊ होंगे और मैक 1.6 की गति वाले एयरक्राफ्ट का इंजन अधिक शोरगुल की समस्या से मुक्त होगा।
स्मैल्स ने कहा, ”हमारे पास नए कलपुर्जों के निर्माण के लिए उद्यम नहीं है, इसलिए नियामक मुद्दे इसमें शामिल नहीं होंगे।”
वैसे, इस एयरक्राफ्ट को निर्णायक रूप से 2016 में सौंपा जाना है जिसके लिए अभी काफी समय है।
एग्जीक्यूजेट के कार्यकारी निदेशक (गु्रप सेल्स) एंड्रयू होय ने कहा, ‘2008 के अंत तक एरियन ओईएम के साथ अपनी भागीदारी को निर्णायक रूप दे देगा।
एरियन इस कार्यक्रम के जोखिम के आकलन के चरण में है जो 2008 तक पूरा हो जाएगा।
2009 में एक प्री-लाँच प्रमाणीकरण अध्ययन किया जाएगा और लाँच प्रोग्राम 2009 में पूरा हो जाएगा। इसकी पहली उड़ान 2012 में होगी और 2014 से जेट को सेवा में शामिल कर लिया जाएगा।’