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अन्य बाजारों के मुकाबले ज्यादा मुश्किल नहीं भारत: एमेजॉन इंडिया के समीर कुमार

एमेजॉन इंडिया के प्रमुख समीर कुमार का कहना है कि भारत का नियामकीय माहौल अन्य बाजारों से अधिक चुनौतीपूर्ण नहीं; कंपनी ने 2030 तक 80 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य तय किया

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आर्यमन गुप्ता   
निवेदिता मुखर्जी   
Last Updated- December 11, 2024 | 10:06 PM IST

इस समय जब ई-कॉमर्स में तेज वृद्धि हो रही है और क्विक कॉमर्स नए वास्तविकता के रूप में उभरा है तो ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन भारत में चुनौतीपूर्ण नियामकीय माहौल से निपट रही है। सितंबर में एमेजॉन इंडिया के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले साक्षात्कार में समीर कुमार ने आर्यमन गुप्ता और निवेदिता मुखर्जी को बताया कि हर बाजार में नियामकीय चुनौतियां होती हैं और भारत अन्य बाजारों की तुलना में ज्यादा मुश्किल नहीं है। क्विक कॉमर्स के संबंध में उन्होंने कहा कि इस महीने बेंगलूरु में 15 मिनट की डिलिवरी की प्रायोगिक शुरुआत हो रही है। प्रमुख अंश …

आप 25 वर्षों से एमेजॉन में हैं और अब दो महीने से भी कुछ ज्यादा वक्त से भारत के कारोबार का नेतृत्व कर रहे हैं। आपके लिहाज से चीजों में क्या बदलाव हुआ है?
मैं पहले जो काम कर रहा था, यह उससे बहुत अलग नहीं है, बस केवल यात्राओं में इजाफा हो गया है। हमारी टीम का काम करने का तरीका वही है। इसलिए जब मैं सिएटल से बेंगलूरु वापस आया, तो मेरे लिए यहां बसना बहुत आसान था।

क्या भारत में नियामकीय माहौल बाकी दुनिया के मुकाबले ज्यादा चुनौतीपूर्ण है?

नियामकीय चुनौतियां हर जगह होती हैं। हम समय के साथ-साथ नियामकीय स्थिरता तलाशते हैं। हम जिस भी बाजार में प्रवेश करते हैं, वहां स्थानीय कानूनों और नियमों का अनुपालन करते हैं और दुनिया भर में इसके लिए हमारे पास बहुत ऊंचे मानक हैं। ऐसा नहीं है कि भारत अन्य स्थानों के मुकाबले ज्यादा मुश्किल है।

क्या सरकार, खुदरा उद्योग संगठनों या एकाधिकार निरोधक संस्था – भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से बढ़ता नियामकीय दखल हतोत्साहित कर रहा है?

ऐसा नहीं है क्योंकि हम अपने ग्राहकों और विक्रेताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और भारत के लिए निर्माण कर रहे हैं। जैसा कि जेफ (बेजोस) ने हमेशा कहा है – बड़ी कंपनी के रूप में हमारी जांच की जानी चाहिए। हम इसके लिए तैयार हैं।

क्या विभिन्न हलकों के आरोपों में कोई दम है?

मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन हमें अपने विक्रेताओं और ग्राहकों के लिए सही तरीके से निर्माण करना होगा, उनके लिए कारोबार करने की लागत कम करनी होगी। मैं बहुत ही आंतरिक केंद्रित हूं। मेरी प्राथमिकताएं मजबूत टीम बनाना, भारत में सबसे बड़ा सलेक्शन तैयार करना, ग्राहक संतुष्टि में सुधार करना, रफ्तार बढ़ाना और कारोबारों को दुनिया भर में बेचने में सक्षम बनाना है।

हमने हाल में शीर्ष स्तर के कुछ लोगों को नौकरी छोड़ते देखा है। क्या आप इस्तीफों को लेकर चिंतित हैं?

शायद नहीं। जाने से पहले (सिएटल के लिए) टीम के जिन सदस्यों के साथ मैं काम कर रहा था, उनमें से बहुत से अब भी यहीं हैं। जब मैं साल 2012 में भारत आया था, तो मेरे तीन लक्ष्य थे – मजबूत टीम रखना और विकसित करना, उस टीम में सही संस्कृति का निर्माण करना और भारत का सबसे बड़ा सलेक्शन (उत्पादों का) बनाना। हमेशा कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने कारणों से चले जाते हैं, लेकिन मैं चिंतित नहीं हूं।

क्विक कॉमर्स की आपकी क्या योजनाएं हैं?

हमारी रणनीति हमेशा ‘चयन, मूल्य और सुविधा’ पर केंद्रित रही है। हमारा सपना भारत में बड़े लाभकारी कारोबार का निर्माण करना है। इसलिए हम देश भर में हर पिन कोड क्षेत्र में ग्राहकों को सबसे तेज रफ्तार और सबसे अच्छे मूल्य पर सबसे बड़ा सलेक्शन प्रदान करने की अपनी रणनीति लागू करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन हम अपने ग्राहकों को 15 मिनट या उससे कम समय में उनकी रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजों को प्राप्त करने का विकल्प देने के लिए प्रायोगिक शुरुआत को लेकर उत्साहित हैं। हमारे पास पहले से ही भारत भर में लाखों ग्राहक हैं, जिनमें प्राइम मेंबर भी शामिल हैं जो हम पर भरोसा करते हैं और इस सुविधा की उम्मीद करेंगे। यह प्रायोगिक शुरुआत बेंगलूरु में होगी।

आपने निर्यात अपना लक्ष्य बढ़ा दिया है। क्या यह भारत को वैश्विक स्तर पर आपके शीर्ष निर्यात बाजारों में शामिल करेगा?

हमने साल 2030 तक भारत से कुल निर्यात में 80 अरब डॉलर के लक्ष्य का ऐलान किया है। हमें पांच अरब डॉलर के स्तर (निर्यात में) तक पहुंचने में पांच साल लग गए और अगले दो वर्षों में हम 13 अरब डॉलर (2024 में) तक पहुंच गए हैं।

First Published : December 11, 2024 | 10:06 PM IST