Illustration: Ajay Mohanty
आम लोगों को भले ही ऊंची मुद्रास्फीति की तपिश का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन भारतीय उद्योग जगत शानदार मार्जिन और मुनाफा कमाने में सफल रहा है।
अप्रैल-जून 2023 की तिमाही में सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त त्रैमासिक शुद्ध लाभ परिचालन और शुद्ध लाभ में तेजी की वजह से नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
मार्जिन में वृद्धि राजस्व में तेजी की सुस्त रफ्तार की भरपाई करने में सफल रही। हालांकि फिर भी राजस्व वृद्धि लगभग 9 तिमाहियों के अंतराल के बाद वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में कमजोर पड़कर एक अंक में रह गई।
बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल 2,937 सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त तिमाही शुद्ध लाभ अप्रैल-जून 2023 तिमाही में 3.36 लाख करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया, जो एक साल पहले के 2.28 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के 3.27 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 47.2 प्रतिशत तक ज्यादा है।
तुलनात्मक तौर पर, हमारे नमूने में शामिल सूचीबद्ध कंपनियों की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर महज 5.3 प्रतिशत तक बढ़कर 33.82 लाख करोड़ रुपये रही, जो जनवरी-मार्च 2021 के बाद से सबसे धीमी दर वृद्धि है।
राजस्व वृद्धि में कमजोरी बैंकों और गैर-बैंकिग ऋणदाताओं तथा वाहन कंपनियों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों में महसूस की गई।
हालांकि, परिचालन मार्जिन में वृद्धि से धीमी राजस्व वृद्धि की भरपाई हुई जिससे संपूर्ण मुनाफे को ताकत मिली। मार्जिन में वृद्धि तिमाही के दौरान जिंसों और ऊर्जा की कम कीमतों पर आधारित थी।
हमारे नमूने में शामिल सूचीबद्ध कंपनियों के लिए एबिटा मार्जिन सालाना आधार पर 5 प्रतिशत तक ज्यादा रहा।