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भारत महत्त्वपूर्ण और उभरता हुआ बाजार: हरमन जेनसन

हॉलैंड के स्कीडम की हरमन जेनसन एक परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है जो 1777 से शराब का उत्पादन कर रही है।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- June 19, 2025 | 10:40 PM IST

हरमन जेनसन भारत को रणनीतिक रूप से उभरे हुए महत्त्वपूर्ण बाजार के रूप में देख रही है। यह उसके बावजूद है जब उसने यूटीओ एशिया के मैसन हाउस और सैवॉय क्लब ब्रांडों के वैश्विक अधिकार एलाइड ब्लेंडर्स ऐंड डिस्टिलर्स (एबीडी) को बेच दिए हैं।

हरमन जेनसन के मुख्य कार्य अधिकारी और सातवीं पीढ़ी के मालिक डाइडेरिक जेनसन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी अपने यूरोपीय और दक्षिण पूर्व एशियाई बाजार की वृद्धि पर ध्यान देगी। हॉलैंड के स्कीडम की हरमन जेनसन एक परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है जो 1777 से शराब का उत्पादन कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘हम भारत को रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण और उभरते हुए बाजार के रूप में देख रहे हैं। हमारा पक्का विश्वास है कि किसी भी सफल मौजूदगी को सक्षम और प्रतिबद्ध स्थानीय साझेदार के जरिये स्थापित किया जाना चाहिए और हमारे लिए वह साझेदार होगी एबीडी।  जेनसन ने बताया कि कंपनी ने 1980 के दशक में आशावाद की मजबूत भावना और वृद्धि के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश किया था।

उन्होंने ने कहा, ‘जहां इस सफर से मूल्यवान सीख मिली, वहीं हमारे समूचे अनुभव ने हमें भारतीय कारोबार से बाहर निकलने का सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।’ कंपनी ने पहली बार तिलक नगर इंडस्ट्रीज के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश किया था। वर्तमान में तिलक नगर इंडस्ट्रीज और एबीडी के बीच दो ब्रांडों को लेकर ट्रेडमार्क विवाद चल रहा है।

तिलक नगर इंडस्ट्रीज के पास भारत में दोनों ब्रांडों को बेचने का अधिकार है और बंबई उच्च न्यायालय ने एबीडी को पश्चिम बंगाल में इन्हीं ब्रांड नामों के तहत उत्पाद पेश करने की अनुमति दी थी। साल 2014 में एबीडी ने हरमन जेनसन से मैसन हाउस और सैवॉय क्लब में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। एबीडी को कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रों (सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, लाओस, चीन और म्यांमार) को छोड़कर दो ब्रांडों के वैश्विक अधिकार मिल गए हैं। बीएस

First Published : June 19, 2025 | 10:10 PM IST